हिन्दी में विशेषण किसे कहते हैं? प्रविशेषण किसे कहते हैं? Hindi grammar का महत्वपूर्ण topic है। जो कक्षा 6 – 12 के विद्यार्थियों और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इससे सवाल पूछे जाते हैं। आइए जानते हैं सरल भाषा में विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
किसी व्यक्ति, वस्तु की विशेषता बताने वाले शब्द ही विशेषण होते हैं। विशेषण के प्रयोग से व्यक्ति वस्तु का मुख्य स्वरूप प्रकट होता है तथा साथ ही भाषा की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
विशेषण किसे कहते हैं? (Visheshan kise kahate hai)
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
विशेषण जिस शब्द के विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं।
जैसे नीला आकाश, छोटे लड़के, अच्छा आदमी, सुंदर मकान।
उक्त शब्दों में नीला, छोटे, अच्छा, सुंदर यह सभी विशेषण है। तथा आकाश, लड़के, आदमी, मकान यह सभी विशेष्य शब्द है।
टोकरी में मीठे आम है।
मोहन सुंदर लड़का है।
सीता अच्छा गाती है।
आम मीठा है।
गोरी अच्छी लड़की हैं।
कोयल मीठा बोलता है।
अंगूर खट्टे हैं।
गीता के पास सुंदर पेन है।
मोहन समझदार लड़का है।
घोड़ा तेज दौड़ता है।
राहुल धीरे-धीरे चलता है।
पवन अच्छा गाता है।
रोहित कमजोर लड़का है।
वह लड़का स्वस्थ है।
अरुणाचल पूर्वी दिशा में है।
विशेषण मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं
गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
संकेत वाचक विशेषण
व्यक्तिवाचक विशेषण
जिस शब्द से किसी वस्तु,व्यक्ति के गुण, दोष आकर,अवस्था, रंग, स्थिति, स्वभाव, दशा, दिशा, गंध, स्वाद,स्पर्श आदि का बोध होता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :-
गुण बोधक :- बुद्धिमान,अच्छा,स्नेही, भला सिस्ट सभ्य,नम्र,कर्मठ, समझदार, कुशल, होशियार आदि।
दोष बोधक :- कायर, बेईमान, घमंडी, बुरा, अशिष्ट, आलसी, असभ्य, उद्दंड, अभिमानी आदि।
स्थान बोधक :- जापानी, अमेरिकी, गुजराती, राजस्थानी, भारतीय, चीनी अफगानिस्तानी, बिहारी, मद्रासी आदि।
काल बोधक :- नवीन,प्राचीन, नया,पुराना, ताजा, क्षणभंगुर, अगला, पिछला, भूत, भविष्य, वर्तमान आदि।
रंग बोधक :- नीला, पीला, काला, सफेद, मटमैला, चितकबरा, गुलाबी, हरा, आसमानी आदि।
दिशा बोधक :- पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी,
दशा बोधक :- स्वस्थ, रोगी, अमीर, गरीब, सुखी, दुखी, बीमार आदि
गंध बोधक :- सुगंधित, खुशबूदार, बदबूदार आदि।
आकार बोधक :- मोटा , पतला, लंबा, गोल, चपटा, अंडाकार, चतुभुजाकार, वर्गाकार, त्रिभुजाकार आदि।
अवस्था बोधक :- गीला, सूखा, जला हुआ, पिघला हुआ आदि।
स्वाद बोधक :- खट्टा, मीठा, स्वादिष्ट,नमकीन, चटपटा, तीखा आदि।
स्पर्श बोधक :- मुलायम कठोर चिकना खुरदुरा आदि।
ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध कराते हैं वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं
जैसे :- कक्षा में 20 लड़के बैठे हैं।
कुछ विद्यार्थी विद्यालय जा रहे हैं।
उपयुक्त उदाहरण में 20 लड़के निश्चित संख्या का बोध कराते हैं।तथा कुछ विद्यार्थी अनिश्चित संख्या का बोध कराते हैं।
इसलिए संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं
जिन विशेषण शब्दों से वाक्य में निश्चित संख्या का बोध होता है उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :- दस गाय खेत में चल रही है।
राधा के पास पांच आम है।
दिल्ली जयपुर से दो सौ किलोमीटर है।
मोहन में पचास रुपए पुस्तक खरीदी।
निश्चित संख्यावाचक सर्वनाम के चार उपभेद होते हैं।
अ) क्रम वाचक – पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवा ….
ब) गणना वाचक – एक, दो, तीन, चार, पांच….
स) आवृत्ति वाचक – दुगुना, तिगुना, चौगुना, पांच गुना, आठ गुना, दस गुना आदि।
द) समुदाय वाचक – दोनों, तीनों, पांचों, आठों आदि
जिन विशेषण शब्दों में किसी वस्तु व्यक्ति आदि की संख्या का निश्चित दिशा नहीं हो वहां अनिश्चित वाचक विशेषण होता है।
कुछ लोग गांव जा रहे हैं।
बस दुर्घटना में सैकड़ों यात्री घायल हो गए।
प्रतियोगी परीक्षाओं में लाखों लोगों की भीड़ है।
राम ने मोहन से कहा मुझे हजार – दो हजार रुपए दे दो।
उपर्युक्त वाक्यों में कुछ लोग,सैकड़ों यात्री, लाखों लोग, हजार दो हजार रुपए। विशेषण शब्दों में निश्चित संख्या का ज्ञान नहीं हो रहा है। अतः यहां अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
ऐसे विशेषण शब्द जो किसी वस्तु, पदार्थ की मात्रा या माप का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
इसके दो उपभेद होते हैं –
जैसे – मुझे दो लीटर दूध लाओ
मोहन बाजार से पांच किलो चीनी लाया।
राधा दुकान से दस मीटर कपड़ा लेकर आई।
उसकी गाय चार लीटर दूध देती है।
उपर्युक्त वाक्यों में दो लीटर दूध, पांच किलो चीनी, दस मीटर कपड़ा चार लीटर दूध । इनमें इनमें निश्चित परिमाण का बोध होता है।
जिस विशेषण शब्दों में निश्चित परिमाण का बोध होता है, उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :-
बच्चों को थोड़ा दूध दीजिए।
वह बहुत सब्जी लाया।
रामू को अधिक गेहूं दिए।
दुकानदार ने कम कपड़ा दिया।
उपरोक्त व्यक्तियों में थोड़ा दूध, बहुत सब्जी, अधिक गेहूं, कम कपड़ा में निश्चित परिमाण का बोध नहीं होता है। अतः यह अनिश्चित परिमाण वाचक के उदाहरण है।
ध्यान रखने योग्य बातें :-
संख्यावाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण को कैसे पहचानें –
संख्यावाचक में गणना होती है, अर्थात वस्तुएं गिनने योग्य होती हैं। जबकि परिमाण वाचक में किसी वस्तु की माप, या नाप होती है। उनको गिना नहीं जा सकता।
ऐसे शब्द जो सर्वनाम हैं परंतु वाक्य में विशेषण के रूप में व्यक्त हुए हैं या संज्ञा की विशेषता प्रकट करते हो, उन्हें संकेत वाचक विशेषण कहते हैं। इन्हें सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं।
इस पेन को मत फेंको।
उस किताब को पढ़ो।
इन वाक्यों में पेन को नहीं फेंकने और किताब को पढ़ने की ओर संकेत किया गया है।
सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम में अंतर
यदि इन विशेषण शब्दों का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम शब्द से पहले हो तो वह सार्वनामिक विशेषण होते हैं,और यदि अकेले संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।
उन गुरु जी को मैं आज भी जानता हूं। (सार्वनामिक विशेषण)
उनको मैं आज भी जानता हूं। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
ऐसे शब्द जो मूल रूप से व्यक्तिवाचक संज्ञा है परंतु किसी संज्ञा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, या संज्ञा व सर्वनाम के आगे जुड़कर विशेषण का कार्य कर रहे हो, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे :-
कश्मीरी सेब
बनारसी साड़ी
बीकानेरी भुजिया
जोधपुरी जूती
भारतीय सैनिक
इनमें कश्मीरी, बनारसी,बीकानेरी, जोधपुरी व्यक्तिवाचक संज्ञा है लेकिन यहां विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं।
ऐसे शब्द जो विशेषण की विशेषता बताते हैं उन्हें प्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे :– मोहन बहुत मेहनती है।
वह स्त्री अति सुंदर है।
उपर्युक्त वाक्यों में मेहनती और सुंदर विशेषण है तथा बहुत और अति प्रविशेषण शब्द हैं।
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