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Hindi Grammar / October 7, 2024

संधि किसे कहते हैं? Sandhi in Hindi -1

संधि हिन्दी का महत्वपूर्ण Topic है। इसमें संधि किसे कहते हैं?, (Sandhi in Hindi) और संधि विच्छेद, (sandhi vichchhed), संधि के प्रकार, स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि की पहचान, संधि के उदाहरण आदि का सरल शब्दों में विश्लेषण करेंगे। संधि किसे कहते हैं? से Class 6 to 12 rbse,  cbse board exam और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। सीखिए sandhi in Hindi 

 

 

संधि किसे कहते हैं? (Sandhi in Hindi) :

संधि का शाब्दिक अर्थ होता है – मेल या योग। ‘संधि, सम्+धि से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है – मेल या योग।’ इस प्रकार शब्दों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, वहां संधि होती है। अर्थात – “दो ध्वनि या वर्णों के मेल होने से शब्द में जो विकार उत्पन्न होता है उसी को संधि कहते हैं”।

 

“संधि किसे कहते हैं?” Sandhi kaise kahate hai.

संधि की परिभाषा :-

“जब दो वर्णो का मेल होता हैं या पास पास आते हैं, तो उनमें विकार उत्पन्न हो जाता है तथा शब्द में परिवर्तन हो जाता है, इस विकार से बने हुए नए शब्द को ही ‘संधि’ कहते हैं।”

कामता प्रसाद गुरु के अनुसार :- दो निर्दिष्ट अक्षरों के पास-पास आने कारण उनके मेल से जो विकार होता है उसे संधि कहते हैं।

 

संधि के उदाहरण

विद्या + आलय = विद्यालय

रमा + ईश = रमेश

सु + आगत = स्वागत

उत् + चारण = उच्चारण

आयु: + वेद = आयुर्वेद

 

उपरोक्त धारणाओं से आप समझ गए होंगे की दो शब्दों के मेल होने पर एक विकार उत्पन्न होता है तथा तीसरा शब्द बनता है।

 

“संधि विच्छेद किसे कहते हैं?” Sandhi vichchhed kise kahte hai.

ऊपर हमने संधि के बारे में पढ़ा। संधि विच्छेद, संधि का एकदम विपरीत है। संधि में दो अलग-अलग शब्दों को जोड़ा जाता है जबकि संधि विच्छेद (sandhi vichchhed) में एक शब्द को दो अलग-अलग सार्थक शब्दों में अलग किया जाता है।

अर्थात – “जिन शब्दों को हमने संधि के माध्यम से जोड़ा था। उन शब्दों को दोबारा से अलग-अलग करके मूल रूप में लाने की प्रक्रिया को संधि-विच्छेद कहते हैं।”

 

जैसे :- महेश = महा + ईश

स्वच्छ = सु + अच्छा

 

संधि के प्रकार – types of sandhi 

संधि कितने प्रकार की होती है?

संधि मुख्य रूप से से तीन प्रकार की होती है।”

1. स्वर संधि 

2. व्यंजन संधि 

3. विसर्ग संधि 

 

1. स्वर संधि – swar sandhi 

स्वर संधि किसे कहते हैं?

“दो स्वरों के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं।”

स्वर संधि के उदाहरण

संधि विच्छेद = संधि

सूर्य + अस्त = सूर्यास्त

भोजन + आलय = भोजनालय

परम + आनंद = परमानंद

विद्या + अनुराग = विद्यानुराग

सह + अनुभूति = सहानुभूति

 

स्वर संधि के भेद – sandhi in Hindi 

स्वर संधि के पांच भेद होते हैं।

अ) दीर्घ स्वर संधि

ब) गुण स्वर संधि

स) वृद्धि स्वर संधि

द) आयादि स्वर संधि

य) यह स्वर संधि

 

अ) दीर्घ स्वर संधि : ( dirgh swar sandhi)

दीर्घ स्वर संधि किसे कहते हैं?

“जहां दो समान ध्वनि के स्वरों (लघु/गुरु) के मेल से विकार उत्पन्न होकर दोनों स्वर दीर्घ हो जाते हैं, अतः इसे दीर्घ संधि कहते हैं। यहां स्वर के साथ स्वर का मेल होता है।”

 

जैसे :-

संधि विच्छेद = संधि

कदा + अपि = कदापि

रेखा + अंकित = रेखांकित

योगी + ईश्वर = योगीश्वर

सु + उक्ति = सूक्ति

 

 

दीर्घ संधि के नियम

 

 

नियम :1 – अ /आ + अ/आ =आ

संधि विच्छेद = संधि 

जैसे :- दैत्य + अरि = दैत्यारि

मिष्ट + अन्न = मिष्ठान्न

राम + आधार = रामाधार

विद्या + अर्थी = विद्यार्थी

गीत + अंजलि = गीतांजलि

हिम + आलय = हिमालय

राम + अर्जुन = रामार्जुन

विकल + अंग = विकलांग

वार्ता + आलाप = वार्तालाप

धर्म + अधर्म = धर्माधर्म

परम + अर्थ  = परमार्थ

पर + अधीन  = पराधीन

स्व + अर्थी = स्वार्थी

वीर + अंगना = वीरांगना

परम + अणु = परमाणु

सत्य + अर्थी = सत्यार्थी

दैत्य + अरि = दैत्यारि

अर्ध + अंगनी = अर्धांगिनी

कुश + आसन = कुशासन

न्याय + आलय = न्यायालय

प्राण + आयाम = प्राणायाम

कदा + अपि = कदापि

परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी

महा + आशय  = महाशय

दया + आनन्द = दयानंद

महा + आत्मा = महात्मा

रेखा + अंकित = रेखांकित

सीमा + अंत = सीमांत

वार्ता + आलाप = वार्तालाप

विस्मय + आदि = विस्मयादि

यथा + अर्थ = यथार्थ

शुभ + आनन्द = शुभानन्द

स + आकार = साकार

 

नियम :- 2

         इ/ ई + इ / ई = ई

 

उदाहरण :- 

संधि विच्छेद = संधि 

अभि + इष्ट = अभीष्ट

मुनी + इन्द्र = मुनीन्द्र

वारि + ईश = वारीश

नदी + ईश = नदीश

फणी + ईश्वर = फणीश्वर

कपि + ईश = कपीश

कवि + ईश = कवीश

रवि + इन्द्र = रवीन्द्र

गिरी + इन्द्र = गिरींद्र

नारी  + ईश्वर = नारीश्वर

रजनी + ईश = रजनीश

शची + इन्द्र = शचीन्द्र

लक्ष्मी + ईश = लक्ष्मीश

हरि + ईश = हरीश

 

नियम : 3

         उ/ ऊ + उ / ऊ = ऊ

संधि विच्छेद = संधि 

उदाहरण: गुरु + उपदेश = गुरूपदेश

सु + उक्ति = सूक्ति

लघु + उत्तम = लघूत्तम

भानू + उदय = भानूदय

सिन्धु + ऊर्मि = सिंधूर्मि

लघु + उत्तर = लघूत्तर

वधू + उत्सव = वधूत्सव

 

नियम : 4

         ऋ + ऋ = ॠ

संधि विच्छेद =         संधि शब्द 

उदाहरण : होतृ + ऋकार = होतृकार

पितृ + ऋण = पितृण

 

ब) गुण स्वर संधि : (gun swar sandhi)

 

गुण स्वर संधि किसे कहते हैं?

“जहां अ/ आ के बाद ह्रस्व या दीर्घ इ/ई, उ/ऊ, ऋ स्वर आते हैं, तो इन स्वरों के स्थान पर क्रमशः ए, ओ , अर् हो जाता है।”

नियम :1

अ/आ + इ/ई = ए

 

उदाहरण:

संधि विच्छेद = संधि 

नर + इंद्र = नरेंद्र

गण + ईश = गणेश

दिन + ईश = दिनेश

रमा + ईश = रमेश

राका + ईश = राकेश

सुर = इन्द्र = सुरेन्द्र

बाल + इन्दु = बालेन्दु

भारत+ इन्दु = भारतेन्दु

राजा + इन्द्र = राजेन्द्र

भूत = ईश्वर = भूतेश्वर

 

नियम : 2

अ/आ + उ/ऊ = ओ

संधि विच्छेद = संधि 

सूर्य = उदय = सूर्योदय 

जन्म = उत्सव = जन्मोत्सव

स + उदाहरण = सोदाहारण

गंगा + उदक = गंगोदक

नील + उत्पल = नीलोत्पल

सह + उदर = सहोदर

पर + उपकार = परोपकार

चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय

महा + उत्सव = महोत्सव

नव + ऊढा = नवोढ़ा

 

अपवाद

प्र + ऊढ़ = प्रौढ़

अक्ष + ऊहिनी = अक्षौहिणी

 

नियम : 3

अ/आ + ऋ अर्

संधि विच्छेद = संधि

उत्तम + ऋण = उत्तमर्ण

ग्रीष्म + ऋतु = ग्रीष्मर्तु

शीत + ऋतु = शीतर्तु

महा + ऋण = महर्ण

कण्व + ऋषि = कण्वर्षि

 

स) वृद्धि स्वर संधि ( vridhi swar sandhi)

 

वृद्धि स्वर संधि की पहचान

“यदि अ/आ के बाद ए /ऐ आए तो वहां ऐ हो जाता है। तथा अ/आ के बाद ओ/औ आए तो वहां औ हो जाता है।”

 

नियम : 1

 अ/आ + ए /ऐ = ऐ

 

उदाहरण

संधि विच्छेद = संधि 

लोक + एषणा = लोकैषणा

तथा + एव = तथैव

वसुधा + एव = वसुधैव

सदा + एव सदैव

मत + ऐक्य = मतैक्य

पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा

प्रिय + एषी = प्रियैषी

एक + एक = एकैक

 

नियम : 2

अ/आ + ओ/औ = औ

उदाहरण

वन + औषधि = वनौषधि

जल + ओघ = जलौघ

महा +औदार्य = महौदार्य

महा + ओजस्वी = महौजस्वी

गंगा + ओक = गंगौक

 

अपवाद

शुद्ध + ओदन = शुद्धोधन

लम्ब + ओष्ठ = लम्बोष्ठ

अधर + ओष्ठ = अधरोष्ठ

 

द) अयादि स्वर संधि ( ayadi swar sandhi)

अयादि स्वर संधि किसे कहते हैं?

अयादि संधि की पहचान 

“जहां पर यदि ए, ऐ, ओ, औ के बाद कोई असमान स्वर आए , तो इनके स्थान पर क्रमशः अय्, आय्, अव्, आव् हो जाता है, वहां अयादि संधि होती है।””

 

नियम : 1

ए + असमान स्वर = अय्

चे + अन = चयन

ने + अन = नयन

शे + अन = शयन

विजे + ई = विजयी

 

नियम : :2

ऐ + असमान स्वर = आय्

उदाहरण

गै + अन = गायन

गै + अक = गायक

नै + अक = नायक

विधै + अक = विधायक

विनै + अक = विनायक

 

नियम : 3

ओ + असमान स्वर = अव्

 

पो + अन = पवन

भो + अन = भवन

हो + अन = हवन

गो + एषणा = गवेषणा

नियम : 4

औ + असमान स्वर = आव् 

उदाहरण

नौ + इक = नाविक

पौ + अक = पावक

श्रौ + अक = श्रावक

धौ + अक = धावक

 

य) यण स्वर संधि (yan swar sandhi)

यण स्वर संधि किसे कहते हैं?

यण संधि की पहचान

“यदि इ, ई, उ, ऊ, ऋ के बाद कोई असमान स्वर आए तो वहां क्रमशः य्, व्, र् हो जाता है, यहां यण संधि होती है।”

 

उदाहरण

नियम :1

इ/ई + असमान स्वर = य्

प्रति + एक = प्रत्येक

अति + अधिक = अत्यधिक

उपरि + उक्त = उपर्युक्त

अति + आवश्यक = अत्यावश्यक

परि + अटन = पर्यटन

 

नियम : 2

उ/ऊ + असमान स्वर = व्

उदाहरण

सु + आगत = स्वागत

मधु + अरि = मध्वरि

सु + अच्छ = स्वच्छ

सु + अल्प = स्वल्प

तनु + अंगी तन्वंगी

अनु + अय = अन्वय

वधू + आगमन = वध्वागमन

धातु + इक = धात्विक

 

नियम : 3

ऋ + असमान स्वर = र्

उदाहरण

पितृ + आदेश = पित्रादेश

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

 

 

2. व्यंजन संधि किसे कहते हैं? Sandhi in Hindi 

“जहां दो व्यंजन वर्णों के मेल से या एक स्वर एक व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है, वहां व्यंजन संधि होती है।”

जैसे

दिक् + गज = दिग्गज

उत् + चारण = उच्चारण

 

अभ्यास के लिए पुस्तकों से अन्य उदाहरणों का अभ्यास करें।

विस्तार से व्यंजन संधि पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

 

3. विसर्ग संधि किसे कहते हैं?  Sandhi in Hindi 

“जहां विसर्ग ( : ) के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से शब्द में जो विकार उत्पन्न होता है वहां विसर्ग संधि होती है।”

जैसे

अतः + एव = अतएव

पुर: + कार = पुरस्कार

 

विस्तार से विसर्ग संधि के बारे में हम अगले ब्लॉग पोस्ट में अध्ययन करेंगे।

 

विभिन्न परीक्षाओं में पूछने योग्य महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर 

“Question Answer”

 

1. संधि किसे कहते हैं?

उत्तर :- “दो वर्णों के मेल से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं।”

 

2. संधि कितने प्रकार की होती हैं?

उत्तर :- “संधि तीन प्रकार के होती हैं।”

स्वर संधि

व्यंजन संधि

विसर्ग संधि

 

3. स्वर संधि कितने भेद होते हैं?

उत्तर :- “स्वर संधि के पांच भेद होते हैं।”

दीर्घ स्वर संधि।

वृद्धि स्वर संधि।

गुण स्वर संधि।

अयादि स्वर संधि।

यण स्वर संधि।

 

4. स्वर संधि की परिभाषा लिखो।

उत्तर :- जहां दो स्वर वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वहां स्वर संधि होती है।

 

5. व्यंजन संधि किसे कहते हैं?

उत्तर :- “जहां दो व्यंजन वर्णों या एक स्वर एक व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वहां व्यंजन संधि होती है।”

 

6. स्वागत में कौन सी संधि है?

उत्तर :- यण सं

धि।

 

7. पावन का संधि विच्छेद लिखो।

उत्तर :- पौ + अन

 

8. पवन शब्द में कौन सी संधि है?

उत्तर :- अयादि संधि।

 

9. प्रत्येक का संधि विच्छेद लिखो?

उत्तर :- प्रति + एक

 

10. सूर्योदय में कौन सी संधि है?

उत्तर :- गुण संधि।

11. गवाक्ष का संधि विच्छेदक्या है?

उत्तर :- गो+ अक्ष

12. न्यून शब्द में कौनसी सधि है।

उत्तर :- यण संधि

13. अभ्युदय में कौनसी संधि है?

उत्तर :- यण संधि।

14. अभ्युदय का सन्धि विच्छेद क्या होता है?

उत्तर :- अभि + उदय।

15. व्यायाम का संधि विच्छेद कीजिए।

उत्तर :- वि + आयाम।

16. दायिनी शब्द में कौनसी संधि है?

उत्तर :- अयादि संधि

17. दायिनी शब्द का संधि विच्छेद करो।

उत्तर :- दै + यिनी

18. तथापि में कौनसी संधि है?

उत्तर :- दीर्घ संधि

19. स्वाधीन में कौनसी संधि है?

उत्तर :- दीर्घ संधि

20. स्वाधीन का संधि विच्छेद क्या होगा?

उत्तर :- स्व + अधीन।

 

 

हिन्दी व्याकरण – सहज सीखिए – Class 6 to 12

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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