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Hindi Grammar / October 11, 2024

व्यंजन संधि किसे कहते हैं/ परिभाषा, नियम, उदाहरण सहित लिखिए/ vyanjan sandhi in Hindi/ Class 6 to 12

इस Article में हम व्यंजन संधि किसे कहते हैं/ का अध्ययन करेंगे। हिन्दी व्याकरण, में संन्धि महत्वपूर्ण topic  है। पिछले पोस्ट में हम संधि किसे कहते हैं, संधि के भेद, उदाहरण, संधि विच्छेद, स्वर संधि किसे कहते हैं, आदि का अध्ययन कर लिया है। इसमें हम व्यंजन संधि किसे कहते हैं?, व्यंजन संधि के भेद, व्यंजन संधि की परिभाषा, व्यंजन संधि के नियम, और व्यंजन संधि के उदाहरण, All India exam, students Class  6 to 12 के लिए सरल और सुबोध भाषा में समझेंगे।

 

 

व्यंजन संधि किसे कहते हैं/ परिभाषा, भेद, उदाहरण सहित लिखिए/ vyanjan sandhi in Hindi/ Class 6 to 12

 

व्यंजन संधि किसे कहते हैं? Vyanjan sandhi Kise Kahte hai.

“जब दो वर्णों में परस्पर व्यंजन से व्यंजन, स्वर से व्यंजन, या व्यंजन से स्वर के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।”

व्यंजन संधि किसे कहते हैं? Vyanjan sandhi in Hindi.

व्यंजन संधि के 20 उदाहरण

जगत् + ईश = जगदीश

सत् + आचार = सदाचार

दिक् + अम्बर = दिगम्बर

वाक् + जाल = वाग्जाल

उत् + भव = उद्भव

षट् + मास = षण्मास

उत् + मुख = उन्मुख

तत् + मय = तन्मय

वाक् + मय = वाङ्मय

उत् +श्रृंखल = उच्छृंखल

परि + छेद = परिच्छेद

आ + छादन = आच्छादन

उत् + ज्वल = उज्ज्वल

सत् + जन = सज्जन

उत् + चारण = उच्चारण

सत् + चरित्र = सच्चरित्र

दम् + ड़ = दण्ड

तद् +काल = तत्काल

सम् + योग = संयोग

उद् + तर = उत्तर

व्यंजन संधि के भेद कितने होते हैं।

व्यंजन संधि को हम तीन प्रकार से समझ सकते हैं।

व्यंजन संधि की पहचान – vyanjan sandhi in Hindi

 

अ) व्यंजन + व्यंजन = व्यंजन

वाक् + जाल = वाग्जाल

ऊपर लिखे उदाहरण में प्रथम शब्द ‘वाक्’ में ‘ क् ‘ वर्ण व्यंजन है। तथा अंतिम वर्ण ‘ जाल ‘ में ‘ ज ‘ वर्ण व्यंजन है। यहां क्+ज व्यंजन वर्ण का मेल हुआ है।

सत् + जन = सज्जन

इसी प्रकार इस उदाहरण में ‘ सत् ‘ शब्द में अंतिम वर्ण ‘ त ‘ व्यंजन वर्ण है, तथा दूसरे शब्द में ‘ ज ‘व्यंजन वर्ण है। अतः यहां पर त + ज व्यंजन वर्ण का मेल हुआ है।

 

ब) स्वर + व्यंजन = व्यंजन

वि + छेद = विच्छेद

यहां प्रथम वर्ण में ‘ इ ‘ स्वर है, इसलिए ( इ + छ ) में स्वर तथा व्यंजन का मेल है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।

 

स) व्यंजन + स्वर = व्यंजन

जगत् + ईश = जगदीश

यहां प्रथम शब्द में ‘त्’ व्यंजन है तथा दूसरे शब्द ईश में प्रथम वर्ण ‘ ई ‘ है। (त् + ई ) यहां प्रथम वर्ण व्यंजन तथा दूसरा वर्णन स्वर है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।

दिक् + अम्बर = दिगम्बर

यहां ( क् + अ) व्यंजन + स्वर का मेल हुआ है, इसलिए यह व्यंजन संधि है।

 

व्यंजन संधि के नियम/ vyanjan sandhi in Hindi 

व्यंजन संधि के नियम निम्नलिखित हैं। नियमों को क्रमबद्ध रूप से से समझेंगे।

 

नियम : 1

प्रथम वर्ण का उसी वर्ग के तीसरे वर्ण में परिवर्तन का नियम :

यदि किसी शब्द संधि विच्छेद करें और पहले शब्द का अंतिम वर्ण क , च, ट, त , प आए , तथा दूसरे शब्द का प्रथम वर्ण में प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा वर्ण और य, र, ल, व, ह, तथा कोई स्वर वर्ण आए तो संधि युक्त शब्द में प्रथम वर्ग के पहले वर्ण का अपने ही वर्ग का तीसरा वर्ण क्रमशः ग, ज, ड़, द, ब, हो जाता है।

 

क, च, ट, त, प + प्रत्येक वर्ग का तीसरा चौथा वर्ण या य, र, ल, व, ह, तथा कोई स्वर आए तो ( क का- ग), ( च का – ज), ( ट का – ड़), (त का- द) (प का – ब) हो जाता है।

 

जैसे :-

सत् + गुरु = सद्गुरु

दिक् + गज = दिग्गज

सत् + उपदेश = सदुपदेश

दिक् + दर्शन = दिग्दर्शन

सत् + भाव = सद्भाव

अच् + अंत = अजंत

अच् +आदि = अजादि

षट् + आनन = षडानन

षट् + भुजा = षड्भुजा

सुप् + अन्त = सुबंत

अप् + ज = अब्ज

 

नियम : 2

‘छ’ वर्ण के पहले ‘ च ‘ वर्ण का आगम :

किसी शब्द का संधि विच्छेद करने पर पहले पद के अंतिम वर्ण कोई स्वर हो तथा उसके बाद दूसरे पद में ” छ ” वर्ण आए तो ” छ” वर्ण के आगे ” च ” का आगम हो जाता है

 

कोई भी स्वर + छ

छ वर्ण से पहले ” च” वर्ण का आगम हो जाता है।

जैसे :

परि + छेद = परिच्छेद

वि + छेद = विच्छेद

अनु + छेद = अनुच्छेद

आ + छादन = आच्छादन

प्रति + छाया = प्रतिच्छाया

प्रति + छवि = प्रतिच्छवि

 

नियम : 3

अनुनासिक वर्ण ( म , न ) का पंचम वर्ण में परिवर्तित होना :

किसी शब्द में वर्ग के पहले वर्ण ( क, च, ट, त, प ) का मेल किसी अनुनासिक वर्ण से हो तो उसके स्थान पर, उसी वर्ग का पंचम वर्ण जाता है।

“क, च, ट, त, प + म, न, हो तो म और न के स्थान पर क्रमशः ङ, ञ्, ण, न, म हो जाता है।”

 

जैसे:

वाक् + मुख = वाङ्मुख

दिक् + नाग = दिङ्नाग

याच् + ना = याञ्ना

षट् + मुख = षण्मुख

षट् + मातुर = षण्मातुर

उत् + नति = उन्नति

जगत्+ नाथ =जगन्नाथ

सत् + नारी = सन्नारी

तत् + मय = तन्मय

 

नियम : 4

” त ” वर्ण का च्, ज्, ल, ड़ वर्ण में परिवर्तन :

जब किसी शब्द या पद के अंत में ‘त’ वर्ण हो और उसके बाद च्, ज्, ट् , ड् , द् , न् , ल् , वर्ण आते हैं तो “त ” के स्थान पर वही वर्ण हो जाता है, जो त् वर्ण के तुरंत बाद आया है।

जैसे :

शरत् + चन्द्र = शरच्चंद्र

उत् + ज्वल = उज्ज्वल

उत् + चारण = उच्चारण

सत् + जन = सज्जन

उत् +लेख = उल्लेख

सत् + चरित्र = सच्चरित्र

यावत् + जीवन = यावज्जीवन

उत् +लास = उल्लास

उत् + डयन = उड्डयन

जगत् + जननी = जगज्जननी

 

नियम : 5

‘ त् ‘ और ‘ श ‘ के स्थान पर ‘च’ और ‘छ’ में परिवर्तन 

यदि किसी पद के अंत में “त्” वर्ण आये, तथा उसके पश्चात “श्” वर्ण आता है तो ‘ त् ‘ के स्थान पर ‘च्’ हो जाता है, और ‘श’ वर्ण के स्थान पर ‘ छ ‘ हो जाता है।

त् + श् आए तो उनके स्थान पर क्रमशः च् + छ् हो जाता है।

जैसे :

उत् + श्रंखल = उच्छृंखल

श्रीमत् + शरत् + चन्द्र = श्रीमच्छरच्चन्द्र

उत् + श्वास = उच्छ््वास

तत् + शिव = तच्छिव

उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट

नियम : 6

त् + ह् के स्थान पर द् + ध्  में परिवर्तन 

 

यदि संधि विच्छेद किए हुए शब्द का पहले पद के अंत में ‘त्’ के बाद ह हो तो त के स्थान पर द और है के स्थान पर ध बन जाता है।

त् + ह् के स्थान पर द् + ध् हो जाता है।

जैसे

उत् + हार = उद्धार

उत् + हरण = उद्धरण

पत् + हति = पद्धति

उत् + हत = उद्धत

नियम : 7

अनुनासिक वर्ण ‘म’ का पंचम वर्ण में परिवर्तन 

“किसी संधि विच्छेद किए हुए शब्द में पहले पद के अंत में कोई अनुनासिक वर्ण हो, और उसके तुरंत बाद किसी भी वर्ग का कोई भी वर्ण हो तो, अनुनासिक वर्ण के स्थान पर आए हुए वर्ण का इस वर्ग का पंचम अक्षर बन जाता है।”

 

जैसे

सम् + गीत = सङ्गीत

किम् + चित = किञ्चित

चिरमी + जीव = चिरञ्जीव

भयम् + कर = भयङ्कर

दम् + ड़ = दण्ड

 

नियम : 8

” स ” वर्ण का ” ष् ” में परिवर्तन 

संधि विच्छेद किए हुए शब्द के प्रथम पद के अंत में अ, आ को छोड़कर कोई अन्य सवार हो तथा उसके तुरंत बाद स वर्ण आए तो, स वर्ण ष में परिवर्तित हो जाता है।

जैसे

वि + सम् = विषम

नि + सेध = निषेध

अभि + सेक= अभिषेक

परि + सद = परिषद

सु + समा = सुषमा

अनु + संगी = अनुषंगी

 

नियम : 9

‘म’ का अनुस्वार में परिवर्तन होना

संधि विच्छेद किए प्रथम पद के अंत में अनुनासिक वर्ण ‘म’ तथा उसके बाद य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ में से कोई एक शब्द हो तो अनुनासिक वर्ण म अनुस्वार में बदल जाता है।

जैसे

सम् + सार = संसार

सम् + विधान = संविधान

सम् + योग = संयोग

सम् + स्मरण = संस्मरण

स्वयम् + वर = स्वयंवर

सम् + हार = संहार

सम् + ज्ञान = संज्ञान

सम् + क्षिप्त = संक्षिप्त

सम् + त्रास = संत्रास

सम् + लग्न = संलग्न

 

नियम : 10

सम् के कृ धातु होने पर स् का आगम

संधि विच्छेद किए हुए पद में पहला पद सम् उपसर्ग हो और उसके बाद कृ धातु से निर्मित शब्द आए तो ‘सम्’ वर्ण के बाद ‘स ‘ का आगम हो जाता है।

जैसे:

सम् + कार = संस्कार

सम् + कृति = संस्कृति

सम् + कृत = संस्कृत

सम् + करण + संस्करण

 

नियम : 11

‘ द’ वर्ण का ‘ त ‘ में परिवर्तन 

यदि सम संधि विच्छेद किए हुए शब्द के प्रथम पद के अंत में द वर्ण आए, द के बाद क,ख,त, थ, प, फ, स, क्ष में से कोई एक वर्ण आए तो द वर्ण त में परिवर्तित हो जाता है।

जैसे

तद् + काल = तत्काल

आपद् + काल = आपत्काल

सद् + कार = सत्कार

तद् + पर = तत्पर

तद् + क्षण = तत्क्षण

तद् + पुरुष = तत्पुरुष

 

नियम : 12

‘ न ‘ के स्थान पर ‘ ण ‘ वर्ण में परिवर्तन होना 

संधि विच्छेद किए हुए पद के अंत में र, ऋ, ष् वर्ण आए, और उसके बाद  ‘ न ‘ आए तो ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता है।

जैसे

तृष + ना = तृष्णा

राम + अयन = रामायण

प्र + नेता = प्रणेता

परि + मान = परिमाण

पोष + न = पोषण

शूर्प + नखा = शूर्पणखा

निर् + मान = निर्माण

निर् + नय = निर्णय

उत्तर + अयन = उत्तरायण

कृष् + न = कृष्ण

 

नियम : 13

स्थ् और स्न् का क्रमशः  ष्ण् और ष्ण् में परिवर्तन 

संधि विच्छेद किए हुए शब्द के प्रथम पद के अंत में इ, उ, ए, ऐ आए और उसके बाद स्थ् या स्न् आए तो क्रमशः ‘ष्ठ’ और ‘ष्ण् ‘ है जाता है।

स्थ् = ष्ठ्

स्न् = ष्ण्

जैसे

नि + स्थुर = निष्ठुर

प्रति + स्थान = प्रतिष्ठा

वि + स्नु = विष्णु

नि + स्नात = निष्णात

युधि + स्थिर = युधिष्ठिर

 

व्यंजन संधि किसे कहते हैं?, vyanjan sandhi in Hindi

महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – FAQs

1. संसार का संधि विच्छेद क्या होगा?

उत्तर :- सम् + सार = संसार

2. संस्कृत कि संधि विच्छेद क्या होगा।

उत्तर :- सम् + कृत = संस्कृत

3. व्यंजन संधि को किस प्रकार से पहचान सकते हैं?

उत्तर :- व्यंजन + व्यंजन = व्यंजन संधि

व्यंजन + स्वर = व्यंजन संधि

स्वर + व्यंजन = व्यंजन संधि

4. संविधान का संधि विच्छेद क्या होता है?

उत्तर :- सम् + विधान= संविधान

5. उद्धार का संधि विच्छेद क्या होता है?

उत्तर :- उत् + हार = उद्धार

6. उल्लास का संधि विच्छेद क्या होता है?

उत्तर :- उत् + लास = उल्लास

 

संधि, स्वर संधि (swar sandhi)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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