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Hindi Grammar / October 12, 2024

विसर्ग संधि किसे कहते हैं/ विसर्ग संधि के नियम, परिभाषा, उदाहरण/ Class 6 to 12

हिन्दी व्याकरण के इस Article में विसर्ग संधि किसे कहते हैं, विसर्ग संधि की परिभाषा, विसर्ग संधि के नियम, विसर्ग संधि के उदाहरण के नोट्स सरल, सुबोध शब्दों में अपनी समझ विकसित करेंगे। संधि हिन्दी भाषा विभाग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसमें से Reet, CTET, teacher grade second, Lecturer, patwari, Gramsewak, clecrk, etc. All Rajasthan exam, India, govt. Job questions पूछे जाते हैं। इसके साथ ही Class 6 to 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों से संधि के सवाल किसी न किसी रूप में आते हैं। आइए विसर्ग संधि के बारे में जानें।

 

विसर्ग संधि किसे कहते हैं/ विसर्ग संधि के नियम, परिभाषा, उदाहरण/ Class 6 to 12

 

विसर्ग संधि किसे कहते है? Visarg sandhi kise kahte hai.

विसर्ग संधि की परिभाषा :

“विसर्ग के बाद स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण का मेल होने पर विसर्ग में जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।”

 

Trick: अ) विसर्ग + व्यंजन = विसर्ग संधि

रज: + मय = रजोमय

पुर: + धा = पुरोधा

सर : + ज = सरोज

मन: + रथ = मनोरथ

दु: + गुण = दुर्गुण

उपर्युक्त शब्दों में विसर्ग के बाद व्यंजन वर्ण आये हैं अतः यहां सभी में विसर्ग संधि है।

 

Trick: ब) विसर्ग + स्वर = विसर्ग संधि

नि: + आशा = निराशा

दु: + आचार = दुराचार

बहि: + अंग = बहिरंग

यश: + इच्छा = यशइच्छा

पर: + अक्ष = परोक्ष

उपर्युक्त शब्दों  में  विसर्ग के बाद स्वर वर्ण आये हैं। इसलिए यहां  विसर्ग और स्वर के मेल से विसर्ग संधि की गई है।

 

 

विसर्ग संधि के 20 उदाहरण

तिर: + भाव = तिरोभाव

मन: + बल = मनोबल

नि: + जन = निर्जन

नि: + आशा = निराशा

आयु: + वेद = आयुर्वेद

आशी: + वाद = आशीर्वाद

हरि: + चंद्र = हरिश्चंद्र

यश: + शरीर = यश्शरीर

नि: + कर्ष = निष्कर्ष

आवि: + कार = आविष्कार

दु: + कर = दुष्कर

चतु: + कोण = चतुष्कोण

नमः+ ते = नमस्ते

नि:+ सहाय = निस्सहाय

पुर: + कृत = पुरस्कृत

तिर: + कार = तिरस्कार

नि: + रस = नीरस

अतः+ एवं = अतएव

प्रातः+ काल = प्रातः काल

अध: + पतन = अध:पतन

 

विसर्ग संधि के नियम

 

नियम: 1.

विसर्ग के स्थान पर ‘ र ‘ का आगम

यदि विसर्ग से पहले (अ, आ) को छोड़कर अन्य कोई स्वर आए और उसके बाद किसी वर्ग का तीसरा, चौथा और पांचवा वर्ण और य, र, ल ,व, या कोई स्वर वर्ण आए तो विसर्ग ‘ र ‘ वर्ण में परिवर्तित हो जाता है।

जैसे :

दु: + आचार = दुराचार

दु: + गुण = दुर्गुण

नि: + बल = निर्बल

आशी: + वाद = आशीर्वाद

धनु: + विद्या = धनुर्विद्या

बहि: + गमन = बहिर्गमन

नि: + गुण = निर्गुण

नि: + अपराध = निरपराध

नि: + उपाय = निरुपाय

नि : + आधार = निराधार

 

नियम : 2

विसर्ग के स्थान पर ‘ श ‘ का आगम

यदि विसर्ग के पहले कोई स्वर वर्ण हो और उसके बाद च्, छ, या श वर्ण आए तो विसर्ग परिवर्तित होकर ‘ श् ‘ हो जाता है।

कोई स्वर + च, छ, श  

इसके स्थान पर परिवर्तन हो कर

स्वर + श्  , हो जावेगा।

 

जैसे :

दु: + शासन= दुश्शासन

प्रायः + चित्त = प्रायश्चित

दु: + चिन्ता = दुश्चिन्ता

चतु: + श्लोकी = चतुश्शलोकी

नि: + चल = निश्चल

दु: + चरित= दुश्चरित्र

पुनः = च पुनश्च

आ: + चर्य = आश्चर्य

नि: + शेष = निश्शेष

नि: + शंक = निश्शंक

 

नियम : 3

विसर्ग के स्थान पर ‘ ओ ‘वर्ण का आगम

यदि विसर्ग से पहले ‘ अ ‘ वर्ण हो तथा उसके बाद किसी वर्ग का तीसरा, चौथा, पांचवा वर्ण या य, र, ल, व, ह मैं से कोई वर्ण आए तो विसर्ग के स्थान पर ‘ ओ ‘ हो जाता है।

जैसे:

तिर: + हित = तिरोहित

यहां विसर्ग के पहले अ की मात्रा है, तथा विसर्ग के बाद ह वर्ण होने के कारण विसर्ग ओ में परिवर्तित हो गया है।

अध: + मुख = अधोमुख

पय: + द = पयोद

यश: + गान = यशोगान

तिर: + = तिरोभाव

तप: + तपोवन

मन: + रथ = मनोरथ

अध: + वस्त्र = अधोवस्त्र

यश: + दा = यशोदा

सर: + ज = सरोज

पय: + धर = पयोधर

 

नियम : 4

विसर्ग के स्थान पर ‘ ष् ‘ का आगम

यदि विसर्ग (:) से पहले इ, उ वर्ण हो तथा उसके बाद ( क्, ख्, ट् , ठ्, प, फ, में से कोई एक वर्ण हो तो विसर्ग ‘ ष् ‘ में परिवर्तित हो जाता है।

इ, उ + क्, ख्, ट्, ठ्, प्, फ्, = ष्

जैसे:

दु: + कर्म = दुष्कर्म

दु: + प्रवृत्ति = दुष्प्रवृत्ति

नि: + कपट = निष्कपट

नि: + पाप = निष्पाप

नि:+ फल = निष्फल

आवि: + = कार = आविष्कार

बहि: + कार = बहिष्कार

नि: + कर्ष = निष्कर्ष

पु: + कर = पुष्कर

चतु:+ पद = चतुष्पद

 

नियम : 5

विसर्ग के स्थान पर ‘ स ‘ का आगम

यदि: के बाद ‘ त’ और ‘ स ‘ वर्ण आए तो विसर्ग के स्थान पर ‘ स् ‘ हो जाता है।

त्, स् + स् = स् हो जाता है।

जैसे :

वि: + तार = विस्तार

दु: + साहस = दुस्साहस

मन: + ताप = मनस्ताप

नि: + सहाय = निस्सहाय

नि: + संकोच = निस्संकोच

नमः + ते = नमस्ते

नि: + संदेह = निस्संदेह

नि: + तार = निस्तार

 

नियम : 6

यदि विसर्ग के पहले अ, आ हो और उसके बाद क, प हो तो विसर्ग का स बन जाता है।

विसर्ग + क, प् = स्

तिर: + कार = तिरस्कार

भा: + कर = भास्कर

वन:+ पति = वनस्पति

श्रेय + कर = श्रेयस्कर

नमः + कार नमस्कार

 

नियम : 7

विसर्ग के लोप का नियम

यदि विसर्ग से पहले ‘इ’ हो और उसके बाद ‘र’ वर्ण हो तो ‘इ’ वर्ण ‘ई’ में बदल जाता है।

इ + र = ई

नि: + रव = नीरव

नि: + रस = नीरस

नि: + रोग = नीरोग

धि: + रज = धीरज

 

नियम : 8

यदि ‘अ’ वर्ण के बाद विसर्ग हो तथा विसर्ग के बाद ‘अ ‘ को छोड़कर अन्य कोई स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है।

जैसे:

अतः + एव = अतएव

यश: + इच्छा = यशइच्छा

 

नियम : 9

Visarg sandhi in Hindi

अ का लोप नहीं होता है।

‘ यदि विसर्ग के पहले अ हो, और विसर्ग के बाद क, ख, क, फ में से कोई एक वर्ण हो तो, विसर्ग का लोप नहीं होता है।

जैसे:

अध:+ पतन = अध:पतन

प्रातः+काल = प्रातः काल

अंत: + पुर = अन्त:पुर

अंत: + करण = अंत:करण

 

नियम : 10

ओ का आगम तथा अ का लोप

यदि ‘ अ ‘ वर्ण के बाद अ आए तो विसर्ग का ओ हो जाता है और अ का लोप हो जाता है।

जैसे:

मन: + अनुभूति = मनोनुभूति

पर:+ क्ष = परोक्ष

मन:+ अनुकूल = मनोनुकूल

यश:+ अभिलाषा = यशोभिलाषा

मन:+ अभिराम = मनोभिलाषा

विसर्ग संधि किसे कहते हैं? में पढ़िए।

विसर्ग संधि के प्रश्न उत्तर/ visarg sandhi in Hindi

1. विसर्ग संधि किसे कहते हैं?

उत्तर : विसर्ग के बाद स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण का मेल होने पर विसर्ग में जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

2. संधि विच्छेद किसे कहते हैं?

उत्तर : दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं। इसके विपरीत संधि युक्त पद को दुबारा अलग करने  को संधि विच्छेद कहते हैं।

3.बहिष्कार का संधि विच्छेद क्या होगा?

उत्तर : बहि: + कार 

4. नीरोग का संधि विच्छेद कैसे करेंगे?

उत्तर : नि: + रोग

5. नमस्ते शब्द का संधि विच्छेद कीजिए।

उत्तर : नमः+ ते = नमस्ते 

 

व्यंजन संधि (vyanjan sandhi)

 

 

हिन्दी व्याकरण – सहज सीखिए – Class 6 to 12

 

 

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