हिन्दी व्याकरण में वाक्य विचार महत्वपूर्ण topic है। इसमें वाक्य विचार किसे कहते हैं?, वाक्य के अंग, वाक्य के भेद, वाक्य किसे कहते हैं, वाक्य के उदाहरण, प्रश्न उत्तर आदि का सरल भाषा में अध्ययन करेंगे।
“व्याकरण का वह विभाग जिसमें वाक्य की परिभाषा, वाक्य के भेद, वाक्य के अंग, वाक्य रचना आदि पर विचार किया जाता है उसे वाक्य विचार कहते हैं।”
वाक्य की परिभाषा
“बोलने वाले अर्थात् वक्ता द्वारा कहे गए कथन को पूर्ण रूप से स्पष्ट करने वाले शब्द समूह को वाक्य के कहते हैं।”
इस प्रकार विचार विनिमय के लिए पदों का सार्थक समूह वाक्य होता है। वाक्य संप्रेषण की दृष्टि से भाषा की पूर्ण इकाई है।
जैसे : छात्र कक्षा में बैठे हुए हैं।
क्रम बदलने पर – कक्षा है छात्र में बैठे हुए।
दूसरे वाक्य का क्रम बदलने पर अर्थ स्पष्ट नहीं हो पता है।
वाक्य के दो अंग होते हैं – उद्देश्य और विधेय।
1. उद्देश्य – वाक्य में जिसके संबंध में कथन कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। वाक्य का कर्ता ही उद्देश्य होता है।
जैसे – राम स्कूल जाता है।
इस वाक्य में कर्ता राम है इसलिए राम उद्देश्य है।
उद्देश्य का विस्तार
जो शब्द उद्देश्य की विशेषता बताता है उसे उद्देश्य का विस्तार कहते हैं।
सफेद गाय खेत में चर रही है।
इस वाक्य में सफेद शब्द गाय के रंग की विशेषता बतला रहा है। अतः सफेद शब्द गाय (उद्देश्य) का विस्तार हुआ।
2. विधेय : उद्देश्य के संबंध में वाक्य में जो कुछ कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं। विधेय में क्रिया, कर्म और उनके विस्तार में प्रयुक्त शब्द समूह आता है।
मोहन विद्यालय जाता है।
उक्त वाक्य में मोहन उद्देश्य है तथा ‘ विद्यालय जा है ‘ विधेय है।
विधेय का विस्तार
विधेय की विशेषता बताने वाले शब्द समूह को विधेय का विस्तार कहते हैं।
मोहित जल्दी-जल्दी दौड़ता है।
इस वाक्य में दौड़ता है विधेय है, और जल्दी-जल्दी शब्द समूह विधेय का विस्तार है,जो विधेय की विशेषता बताता है।
वाक्य के दो आधार से भेद होते हैं।
क) रचना के आधार पर
ख) अर्थ के आधार पर
A. सरल या साधारण वाक्य
B. संयुक्त वाक्य
C. मिश्रित वाक्य
जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं।
जैसे – बालक पुस्तक पढ़ता है।
रोहित क्रिकेट खेलता है।
सीता गाना गाती है।
मोहन विद्यालय जाता है।
उपर्युक्त सभी वाक्यों में एक कर्ता तथा एक ही क्रिया है अतः ये सभी सरल या साधारण वाक्य हैं।
दो या दो से अधिक वाक्य स्वतंत्र रूप से समुच्चयबोधक शब्दों से जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
संयुक्त वाक्य एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते हैं।
जैसे :
अ) राधा घर गई और खाना बनाने लगी।
ब) मोहित विद्यालय गया और पढ़ने लगा।
स) राधिका ने पढ़ाई नहीं की इसलिए वह असफल हो गई।
ऊपर दिए गए वाक्य साधारण उपवाक्यों से जुड़े हुए हैं। यह वाक्य ( और, इसलिए ) योजक शब्द से जुड़े हुए हैं। इसलिए ये संयुक्त वाक्य है।
संयुक्त वाक्य की पहचान – जो वाक्य निम्न योजक शब्दों से जुड़े हो वे संयुक्त वाक्य होते हैं।
और, तथा, पर , किंतु , परंतु, लेकिन, या, अथवा, इसलिए, अतः, अतएव आदि।
जिस वाक्य में एक सरल वाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं, उसे मिश्रित वाक्य कहतेहैं।
जैसे :
मैं कल मोहन से मिला, जो जोधपुर में रहता है।
मैंने एक लड़का देखा, जो होशियार था।
जिधर देखो, उधर प्रदूषण फैल रहा है।
जो व्यक्ति कल बाजार में मिला, वह बाहर खड़ा है।
ऊपर दिए गए सभी उपवाक्य प्रथम वाक्य पर आश्रित है, यदि इनको अलग कर दिया जाए तो दूसरा उपवाक्य सही अर्थ नहीं दे पाएगा। जबकि संयुक्त वाक्य को अलग-अलग कर दिया जाए फिर भी पूर्ण अर्थ देते हैं।
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं –
1. निषेधात्मक वाक्य
2. प्रश्नवाचक वाक्य
3. विधानार्थक वाक्य
4. विस्मयादिबोधक वाक्य
5. आज्ञार्थक वाक्य
6. इच्छा वाचक वाक्य
7. संकेत वाचक वाक्य
8. संदेह वाचक वाक्य
जिस वाक्य में किसी कार्य को नहीं करने का बोध होता है, या अभाव होता है वहां निषेधात्मक वाक्य होता है।
जैसे :
रोहित विद्यालय नहीं गया।
विद्यार्थियों शोरगुल मत करो।
रेलवे लाइन को पर मत करो।
मोनू ने खाना नहीं खाया।
जिस वाक्य में किसी से कोई प्रश्न किया जाए वहां प्रश्नवाचक वाक्य होता है।
जैसे:
आप कहां जा रहे हो?
मोहन कल जयपुर कब जाएगा?
राधिका विद्यालय क्यों नहीं आई?
आपने खाना क्यों नहीं खाया?
जिस वाक्य में किसी कार्य के करने तथा कार्य के होने का सामान्य रूप में बोध होता है उसे विधानार्थक वाक्य कहते हैं।
जैसे :
शीला गाना गा रही है।
वह खाना खा रहा है।
बालक पुस्तक पढ़ रहा है।
वह लड़की विद्यालय जा रही है।
ऊपर लिखे गए सभी साधारण वाक्य हैं।
जिन वाक्यों से हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य, प्रशंसा, खुशी आदि के भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।
अरे ! आपने कमाल कर दिखाया। ( विस्मय)
वाह! कितना सुंदर गाना गया है ( हर्ष )
जिन वाक्यो में आज्ञा, अनुमति, प्रार्थना, उपदेश, आदेश आदि का बोध होता है उन्हें आज्ञार्थक या आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे :
तुम पाठ को याद कीजिए। ( आदेश)
आप अंदर आ सकते हैं। (आज्ञा)
सभी बच्चे अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करें। (उपदेश)
भगवान से विनती है आप जल्दी ठीक हो जाओ। (प्रार्थना)
जिस वाक्य में वक्ता दूसरे की मनोकामना, इच्छा, शाप, शुभकामनाएं आदि के भाव व्यक्त करता है, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे :
परीक्षा में आप अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हों। (आशा)
आपकी यात्रा मंगलमय होवे। ( शुभकामनाएं)
भगवान सबका भला करें। (मनोकामना)
आपका जीवन आनंदमय हो। (शुभकामनाएं)
आप जुग जुग जियो। (मनोकामना)
आपने उसके साथ बुरा किया आपका भगवान बुरा करेगा। (शाप)
जिस वाक्य में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर हो वहां संकेत वाचक होता है।
जैसे :
आज बरसात होने की संभावना है।
यदि बरसात अच्छी हो तो फसल अच्छी होगी।
वह आ जाता तो हम जयपुर जाते।
तुम पढ़ते तो सफल हो जाते।
जिस वाक्य में किसी कार्य को पूरा होने में संदेह की संभावना का बोध होता है, वहां संदेह वाचक वाक्य होता है।
जैसे :
पता नहीं वह आज आएगा या नहीं। ( संदेह)
शायद सोहन आज घर आएगा। (संभावना)
शायद आज बरसात होगी। (संभावना)
पता नहीं वह कब स्वस्थ होगा। ( संदेह)
1. वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर : – “बोलने वाले अर्थात् वक्ता द्वारा कहे गए कथन को पूर्ण रूप से स्पष्ट करने वाले शब्द समूह को वाक्य के कहते हैं।”
2. वाक्य के अंग कितने होते हैं?
उत्तर : – वाक्य के दो अंग होते हैं – उद्देश्य और विधेय
3. वाक्य विचार किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
उत्तर :- व्याकरण का वह विभाग जिसमें वाक्य की परिभाषा, वाक्य के भेद, वाक्य के अंग, वाक्य रचना आदि पर विचार किया जाता है उसे वाक्य विचार कहते हैं।”
4. रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :- रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं –
A. सरल या साधारण वाक्य
B. संयुक्त वाक्य
C. मिश्रित वाक्य
5.अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :- अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं।्
6. वाक्य में उद्देश्य किसे कहते हैं?
उत्तर :- वक्ता जिसके बाद बारे में अपनी बात कहता है अर्थात कर्ता ही वाक्य का उद्देश्य होता है।
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