Hindi Grammar में वाच्य (Vachya) महत्वपूर्ण भाग है। इस पोस्ट में वाच्य किसे कहते हैं, वाच्य के भेद के उदाहरण, वाच्य की परिभाषा (definition of Voice), कर्तृवाच्य, कर्म वाच्य, भाव वाच्य और इनके वाच्य परिवर्तन ( Vachy in Hindi) को विस्तार से सहज सरल और बोधगम्य भाषा में समझाया गया है।
किसी वाक्य में क्रिया के परिवर्तन को वाच्य के द्वारा पता किया जाता है। वाक्य में कर्ता, कर्म और भाव में से कौन प्रधान है। वाच्य क्रिया के उस रूप को कहते हैं जिससे यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता प्रधान है, कर्म प्रधान है, या भाव प्रधान है। वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता , कर्म तथा भाव, इन तीनों में से किसके अनुसार प्रयुक्त हुए हैं।
वाच्य का शाब्दिक अर्थ होता है – वक्ता द्वारा कथन कहने का ढंग या तरीका।
किसी वाक्य में वक्ता द्वारा कथन कहने के ढंग को वाच्य कहते हैं।
किसी बात को थोड़ा रूप परिवर्तित कर कह देना ही वाच्य कहलाता है। इसे अंग्रेजी में ‘Voice’ कहते हैं।
क्रिया का वह रूपांतरण जिससे हमें यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता के साथ है या कर्म के साथ है या कार्य व्यापार (भाव) के साथ है, क्रिया की इस प्रधानता को ही वाच्य कहते हैं।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से कर्ता, कर्म तथा भाव के अनुसार क्रिया के रूपांतरण का बोध होता है, उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य ( Vachy ) क्रिया के उसे रूपांतरण को कहते हैं, जिसके द्वारा यह ज्ञात होता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म, और भाव में से कौन प्रधान है। और वाक्य में प्रयुक्त लिंग, वचन और पुरुष ( कर्ता, कर्म, और भाव ) किसके अनुसार हैं।
जैसे :
1. मोहन पुस्तक पढ़ता है।
2. मोहन द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
3. तुमसे पुस्तक नहीं पढ़ी जाती।
पहले वाक्य में क्रिया का संबंध कर्ता ( मोहन) से है।
दूसरे वाक्य में कर्म की प्रधानता है तथा तीसरे वाक्य में ना तो कर्ता के प्रधानता है और ना ही कर्म की प्रधानता है, इसमें भाव प्रधान है।
वाच्य के तीन भेद होते हैं।
1. कर्तृवाच्य
2. कर्म वाच्य
3. भाव वाच्य
जिस वाक्य में कर्ता प्रधान हो और कर्म गौण रूप में हो तथा क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्ता के अनुसार प्रयुक्त होते हैं,वहां कर्तृवाच्य होता है।
दूसरे शब्दों में – जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया सीधा संबंध कर्ता से होता है, वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
कर्तृवाच्य में सकर्मक और अकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाएं होती हैं।
उदाहरण
1. लड़के विद्यालय जा रहे हैं।
2. रोहित बाजार जाता है।
3. गीता पुस्तक पढ़ती है।
4. सीता गाना गाती है।
उपरोक्त चारों वाक्यों में क्रिया, कर्ता के अनुसार प्रयुक्त हुई है। अतः यहां कर्तृवाच्य होगा।
जब वाक्य में क्रिया का संबंध प्रयुक्त कर्म से होता है, उसे कर्म वाच्य कहते हैं। कर्म वाच्य में क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार होते हैं।
दूसरे शब्दों में इस प्रकार का सकते हैं – “जिस वाक्य में कर्ता गौड़ हो तथा कर्म की प्रधानता हो और लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उस वाक्य में कर्म वाच्य होता है।”
कर्म वाच्य में हमेशा सकर्मक क्रिया होती है क्योंकि इसमें कर्म की प्रधानता होती है।
कर्म वाच्य में कर्ता के बाद ( से/ द्वारा / के द्वारा ) प्रयुक्त होता है।
उदाहरण
1. गीता के द्वारा पत्र लिखा गया।
2. सभी छात्रों द्वारा चित्र बनाया गया।
3. उसके द्वारा पौधे लगाए गए।
4. मोहन से रामायण पढ़ी गई।
उक्त वाक्यों में लिखा गया, बनाया गया, लगाए गए, पढ़ी गई क्रियाएं कर्म के लिंग , वचन और पुरुष के अनुसार आयी हैं।
जिस वाक्य में कार्य का मुख्य विषय भाव हो, वहां भाव वाच्य होता है। यहां कर्ता या कर्म की प्रधानता ना होकर क्रिया के अर्थ की प्रधानता होती है। भाव वाच्य में हमेशा अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
भाव वाच्य में लिंग, वचन सदैव एकवचन पुल्लिंग तथा अन्य पुरुष में होते हैं। कर्ता और कर्म के अनुसार लिंग वचन नहीं होते।
उदाहरण
1. उससे चला नहीं जाता।
2. मोनू से खाया नहीं जाता।
3. उससे देखा नहीं जाता।
4. मोहन के द्वारा दौड़ा जाता है।
5. गीता से रोया नहीं जाता।
ऊपर लिखे गए वाक्यों में क्रिया भाव के अनुसार प्रयुक्त हुई है। तथा सभी वाक्यों में क्रिया का प्रयोग पुल्लिंग, एकवचन और अन्य पुरुष में किया गया है।
कर्तृवाच्य से कर्म वाच्य में परिवर्तन के नियम
1. कर्ता के बाद से/द्वारा/ के द्वारा जोड़कर कर्म को प्रधान बनाना होता है।
2. सकर्मक क्रिया वाले कर्तृवाच्य को ही कर्मवाच्य में बदल सकते हैं क्योंकि कर्म वाच्य में कर्म की प्रधानता होती है।
3. कर्मवाच्य में बदलते समय क्रिया- कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होनी चाहिए।
4. कर्तृवाच्य से कर्म वाच्य में बदलते समय काल में परिवर्तन नहीं होता है।
1. रोहन नाटक देखता है।
2. सीता गाना गाती है।
3. सोनू कहानी सुना रहा है।
4. वह पुस्तक पढ़ता है।
5. बच्चे शोर मचाते हैं।
6. रोहित स्कूल जाता है।
7. वह आम खाता है।
8. गीता कहानी लिखती है।
9. श्याम साइकिल चला रहा है।
10. नीतू चित्र बनाती है।
उक्त उदाहरणों का कर्म वाच्य परिवर्तन
1. रोहन द्वारा नाटक देखा जाता है।
2. सीता द्वारा गाना गया जाता है।
3. सोनू द्वारा कहानी सुनाई जा रही है।
4. उसके द्वारा पुस्तक पढ़ी जा रही है।
5. बच्चों के द्वारा शोर मचाया जा रहा है।
6. रोहित द्वारा स्कूल जाया जाता है।
7. उसके द्वारा आम खाया जाता है।
8. गीता द्वारा कहानी लिखी जाती है।
9. श्याम द्वारा साइकिल चलाई जा रही है।
10. नीतू द्वारा चित्र बनाया जा रहा है।
1. ऐसे कर्तृवाच्य जिनमें अकर्मक क्रिया हो केवल उनको ही भाववाचक में बदला जा सकता है।
2. भाव वाच्य में क्रिया एकवचन, पुलिंग और अन्य पुरुष में लिखनी चाहिए।
3. कर्ता के बाद से/द्वारा/के द्वारा जोड़कर भाव वाच्य बनाया जाता है।
कर्तृवाच्य के उदाहरण
1. मक्खियों भिनभिना रही हैं।
2. बच्चा सो नहीं सका।
3. मोहन जाता है।
4. सीता गाती है ।
5. पक्षी उड़ते हैं।
6. वह बैठ नहीं सकता।
7. वह सो नहीं सकता।
8. वह टहल नहीं सकता।
9. वह गा नहीं सकती।
10. बीमार उठ नहीं सकता।
1. मक्खियों से भिनभिनाया जा रहा है।
2. बच्चा द्वारा सोया नहीं जा सका।
3. मोहन द्वारा जाया जाता है।
4. सीता द्वारा गाया जाता है।
5. पक्षी द्वारा उड़ा जाता है।
6. उससे बैठा नहीं जा सकता।
7. उसके द्वारा सोया नहीं जा सकता।
8. उसके द्वारा टहल नहीं जा सकता।
9. उसके द्वारा गाया नहीं जा सकता।
10. बीमार से उठा नहीं जा सकता।
Vachy in Hindi
1. वाच्य की परिभाषा दीजिए? Vachy ki paribhasha.
उत्तर : क्रिया का वह रूपांतरण जिससे हमें यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता के साथ है या कर्म के साथ है या कार्य व्यापार (भाव) के साथ है, क्रिया की इस प्रधानता को ही वाच्य कहते हैं।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से कर्ता, कर्म तथा भाव के अनुसार क्रिया के रूपांतरण का बोध होता है, उसे वाच्य कहते हैं।
2. वाच्य (vachya) कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर : वाच्य तीन प्रकार के होते हैं।
अ) कर्तृवाच्य
ब) कर्म वाच्य
स) भाव वाच्य
3. वाच्य (vachya) क्या है?
उत्तर : वाच्य का शाब्दिक अर्थ होता है – वक्ता द्वारा कथन कहने का ढंग या तरीका।
किसी वाक्य में वक्ता द्वारा कथन कहने के ढंग को वाच्य कहते हैं।
किसी बात को थोड़ा रूप परिवर्तित कर कह देना ही वाच्य कहलाता है। इसे अंग्रेजी में ‘Voice’ कहते हैं।
4. कर्तृवाच्य किसे कहते हैं?
उत्तर: जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया सीधा संबंध कर्ता से होता है, वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
5. कर्म वाच्य किसे कहते हैं?
जब वाक्य में क्रिया का संबंध प्रयुक्त कर्म से होता है, उसे कर्म वाच्य कहते हैं। कर्म वाच्य में क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार होते हैं।
6. भाव वाच्य किसे कहते हैं?
उत्तर : जिस वाक्य में कार्य का मुख्य विषय भाव हो, वहां भाव वाच्य होता है। यहां कर्ता या कर्म की प्रधानता ना होकर क्रिया के अर्थ की प्रधानता होती है। भाव वाच्य में हमेशा अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
भाव वाच्य में लिंग, वचन सदैव एकवचन पुल्लिंग तथा अन्य पुरुष में होते हैं। कर्ता और कर्म के अनुसार लिंग वचन नहीं होते।
7. ‘बच्चे खिलखिलाकर हंसें ‘ वाक्य का भाव वाच्य में परिवर्तन कीजिए।
उत्तर: बच्चों द्वारा खिलखिलाकर हंसा गया।
8. ‘ नानी कहानी सुनाती है।’ को कर्म वाच्य में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर : नानी द्वारा कहानी सुनाई जाती है। (कर्म वाच्य)
9. कर्तृवाच्य के दस उदाहरण दीजिए
उत्तर : 1.दीपक विद्यालय जाता है।
2. लड़की पुस्तक पढ़ती है।
3. वह रामायण पढ़ता है।
4. सीता, राधा और गीता गाना गाती है।
5. राम, श्याम और मोहन क्रिकेट खेलते हैं।
6. सविता कविता सुनाती है।
7. रोहित आम खाता है।
8. वह और उसका दोस्त जयपुर जाते हैं।
9. बच्चा रात में रोता है।
10. नानी बच्चों को कहानी सुनाती है।
10. प्रश्न 9 में दिये उदाहरणो को कर्म वाच्य में परिवर्तित करो।
उत्तर : कर्म वाच्य परिवर्तन
1. दीपक द्वारा विद्यालय जाया जाता है।
2. लड़की द्वारा पुस्तकपढ़ी जाती है।
3. उसके द्वारा रामायण पढ़ी जाती है।
4. सीता, राधा और गीता द्वारा गाना गाया जाता है।
5. राम, श्याम और मोहन द्वारा क्रिकेट खेला जाता है।
6. सविता द्वारा कहानी सुनाई जाती है।
7. रोहित द्वारा आम खाया जाता है।
8. वह और उसके दोस्त द्वारा जयपुर जाता है।
9. बच्चा द्वारा रात में रोया जाता है।
10. नानी द्वारा बच्चों को कहानी सुनाई जाती है।
हम hindigyansansar.com वेबसाइट आप सभी को परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यहां हैं।
Call Us on : 9461913326
Email : hindigyansansar24@gmail.com
© Hindi Gyan Sansar. All Rights Reserved. Website Developed By Media Tech Temple