हिन्दी व्याकरण में वर्ण विच्छेद महत्वपूर्ण भाग है। इसमें Varn Vichchhed kise kahate hai, वर्ण विच्छेद की परिभाषा, वर्ण विच्छेद के उदाहरण, वर्ण विच्छेद के नियम, Varn Vichchhed कैसे करें इत्यादि का ज्ञान होना चाहिये। आइए जानते हैं वर्ण विच्छेद कैसे करें।
Varn Vichchhed Kise Kahate Hain.
वर्ण विच्छेद का शाब्दिक अर्थ होता है – वर्णों को अलग-अलग करके लिखना।
“किसी शब्द के वर्णों और मात्राओं को अलग-अलग करके लिखने की प्रक्रिया को वर्ण विच्छेद कहते हैं।”
दूसरे शब्दों में – “किसी सार्थक शब्द के वर्णों को मूल रूप में लिखने की प्रक्रिया को वर्ण विच्छेद कहते है।” वर्ण विच्छेद को वर्ण विन्यास (varn vinyas) के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे :-
मधुशाला = म्+अ+ध्+उ+श्+आ+ल्+आ
अध्यापक = अ+ध्+य्+आ+प्+अ+क्+अ
कृष्णा = क्+ऋ+ ष्+ण्+आ
दिलावर =द्+इ+ल्+आ+व्+र्+अ
वर्ण विच्छेद को समझने से पहले हमें यह ज्ञान होना आवश्यक है कि हिंदी वर्णमाला में कितने प्रकार के वर्ण होते हैं?
हिंदी वर्णमाला में वर्ण दो प्रकार के होते हैं।
स्वर और व्यंजन
स्वर वर्णों में अ से लेकर औ तक वर्ण ।
व्यंजन वर्णों में ‘ क ‘ से लेकर ‘ह’ तक के वर्ण आते हैं।
इसके साथ ही दो अयोगवाह वर्ण = अं और अ:
चार संयुक्त व्यंजन वर्ण = क्ष, त्र, ज्ञ, श्र होते हैं।
ऊपर लिखे गए स्वर व्यंजन वर्णों को पढ़कर हमको जानकारी मिलती है कि हमें किसी शब्द में से स्वर और व्यंजन वर्णों को अलग-अलग करके लिखना है। अर्थात “किसी शब्द में से स्वर और व्यंजन वर्णों को अलग-अलग करके लिखने की प्रक्रिया को वर्ण विच्छेद (Varn Vichchhed ) कहते हैं।”
वर्ण विच्छेद करते समय हमें हिंदी वर्णों के स्वरों की मात्राओं का ज्ञान होना आवश्यक है।
अ = क (इसकी कोई मात्रा नहीं होती)।
आ = का
इ = कि
ई = की
उ = कु
ऊ = कू
ऋ = कृ
ए = के
ऐ = कै
ओ = को
औ = कौ
Note : सभी व्यंजन वर्णों में अ स्वर की मात्रा उच्चारण करने के लिए लगाई जाती है। व्यंजन वर्णों को मूल रूप में लिखने के लिए हलन्त का प्रयोग किया जाता है। जैसे : क् ख् ग् घ् ङ्
वर्ण विच्छेद करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
1. शब्द में से वर्णों को सामान्य रूप से अलग करना।
जैसे
कमल = क + म + ल
इस प्रकार किसी भी शब्द का वर्ण विच्छेद करते समय सबसे पहले वर्णों को समान रूप से अलग-अलग करके लिखना चाहिए।
2. वर्णों से स्वरों को अलग करना।
शब्दों से वर्ण को सामान्य रूप से अलग करने के बाद उसमें कौन सा स्वर लगा हुआ है उस स्वर को वर्ण से अलग करके लिखना चाहिए। जैसे –
सामान्य रूप = राहुल = रा + हु + ल
स्वरों को अलग करना = र् + आ + ह् + उ + ल् + अ
3. व्यंजन वर्णों में हलन्त का प्रयोग
शब्द में से जब वर्णों को अलग किया जाता है और वर्णों से स्वरों को अलग किया जाता है तो व्यंजन वर्ण शेष रह जाते हैं। इसलिए व्यंजन वर्णों में किसी स्वर की मात्रा नहीं होने के कारण उनमें हलन्त का प्रयोग करना चाहिए। जैसे –
दीपावली = द् + ई + प् + आ + व् + ल् + ई
इस उदाहरण में व्यंजन वर्णों से स्वर वर्णों की मात्राएं अलग करने के कारण व्यंजन वर्णों में हलन्त का प्रयोग किया गया है।
4. द्वित्व व्यंजन का वर्ण विच्छेद कैसे करें? जैसे :
द्वित्व व्यंजन उन्हें कहते हैं जिन शब्दों में दो समान व्यंजन बिना स्वर के एक साथ प्रयुक्त होते हैं। इनको अलग करने के लिए पूर्ण रूप में हलन्त के साथ लिखा जाता है। जैसे –
बच्चा = ब् + अ + च् + च् + आ
पत्ता = प् + त् + त् +आ
5 . संयुक्त वर्णों का वर्ण विच्छेद
क्ष = क् + ष् + अ
त्र = त् + र् + अ
ज्ञ = ज् + ञ् + अ
श्र = श् + र् + अ
6. संयुक्त वर्णों से बने शब्दों का वर्ण विच्छेद
कक्षा = क् + अ + क् + ष् + आ
त्रिपुरा = त् + र् + इ + प् + उ + र् + आ
श्रीराम = श् + र् + ई + र् + आ + म् + अ
ज्ञानेश्वर = ज् + ञ् + आ + न् + ए + श् + व् + र् + अ
7.. अनुस्वार युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद
अनुस्वार का शाब्दिक अर्थ होता है = अनु (पीछे) स्वर का मतलब स्वर वर्ण अर्थात स्वर के पीछे लगने वाला।
अनुस्वार युक्त शब्दों में अनुस्वार को (ऺ) चिह्न से प्रदर्शित किया जाता है। अनुस्वारयुक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद करते समय इस चिह्न का प्रयोग ना करके अनुस्वार को निम्नानुसार लिखा जाता है।
संसार = स् + म् + स् + आ + र् + अ
पंचवटी = प् + ञ् + च् + अ + व् + ट् + ई
चंद्रावल = च् + न् + द् + र् + आ + व् + अ+ ल् + अ
कुंती = क् + उ + न् + त् + ई
अनुस्वार युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद करते समय अनुस्वार के बाद जिस वर्ग का व्यंजन आया है, अनुस्वार उसी वर्ग के पंचम वर्ण में बदल जाता है । व्यंजन वर्ण के बाद अनुस्वार के स्थान पर प्रत्येक वर्ग का पंचम वर्ण का उपयोग किया जाता है। जैसे –
क वर्ग ( क ख ग घ ङ ) के वर्णों के लिए अनुस्वार के स्थान पर पंचम वर्ण ‘ ङ ‘ हो जाता है।
च वर्ग (च छ ज झ ञ्) के वर्णों के लिए अनुस्वार पंचम वर्ण ‘ ञ् ‘ में बदल जाता है।
ट वर्ग (ट ठ ड ढ ण ) के वर्णों के लिए अनुस्वार पंचम वर्ण ‘ ण ‘ में बदल जाता है।
त वर्ग ( त थ द ध न ) के वर्णों के लिए अनुस्वार पंचम वर्ण ‘ न ‘ में बदल जाता है।
प वर्ग ( प फ ब भ म ) के वर्णों के लिए अनुस्वार पंचम वर्ण ‘ म ‘ में बदल जाता है।
8. ” र ” और ऋ वर्ण से बने शब्दों का वर्ण विच्छेद
क्रम = क् + र् + अ + म् + अ
परिवर्तन = प् + अ + र् + इ + व् + अ + र् + त् + अ + न् + अ
ट्रक = ट् + र् + अ + क् + अ
कृष्ण = क् + ऋ + ष् + ण् + अ
पृथ्वी = प् + ऋ + थ् + व् + ई
गुरू = ग् + अ + उ + र् + ऊ
रुपया = र् + उ + प् + अ + य् + आ
9. अनुनासिक युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद
जिन वर्णों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से होता है उन्हें अनुनासिक वर्ण कहते हैं। अनुनासिक शब्दों में अनुनासिक युक्त वर्णों का वर्ण विच्छेद करते समय अनुनासिक युक्त वर्ण से स्वर को अलग करके , स्वर के साथ चंद्रबिंदु लगाकर प्रदर्शित किया जाता है। जैसे :-
ऊॅंचाई = ऊॅं + च् + आ + ई
ऊॅंट = ऊॅं + ट् + अ
हॅंसना = ह् + अॅं + स् + न् + आ
पूॅंछरी = प् + ऊॅं + छ् + र् + ई
10. विसर्ग से बने शब्दों का वर्ण विच्छेद
विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद करते समय विसर्ग को अलग करके लिखना चाहिए। जैसे
अतः = अ + त् + अ:
प्रातः = प् + र् + आ + त् + अ:
1. इस्तेमाल = इ + स् + त् + ए + म् + आ + ल् + अ
2. स्वागत = स् + व् + आ + ग् + त् + अ
3. कहानी = क् + अ + ह् + आ + न् + ई
4. कविता = क् + व् + इ + त् + आ
5. अर्जुन = अ + र् + ज् + उ + न् + अ
6. दिल्ली = द् + इ + ल् + ल् + ई
7. पूर्णिमा = प् + ऊ + र् + ण् + इ + म् + आ
8. अमावस्या = अ + म् + आ + व + स् + य् + आ
9. राधा = र् + आ + ध् + आ
10. हनुमान = ह् + अ + न् + उ + म् + आ + न् + अ
11. लक्ष्मण = ल् + अ + क्ष् + म् + अ + ण् + अ
12. धृतराष्ट्र = ध् + ऋ + त् + अ + र् + आ + ष् + ट् + र् + अ
13. पाणिनि = प् + आ + ण् + इ + न् + ई
14. कन्हैया = क् + अ + न् + ह् + ऐ + य् + आ
15. उज्जैन = उ + ज् + ज् + ऐ + न् + अ
16. अयोध्या = अ + य् + ओ + ध् + य् + आ
17. प्रयाग = प् + र् + अ + य् + आ + ग् + अ
18. मेहरानगढ़ = म् + ए + ह् + अ + र् + आ + न् + ग् + अ + ढ् + अ
19. रामेश्वर = र् + आ + म् + ए + श् + व् + अ + र् + अ
20. बद्रीनाथ = ब् + अ + द् + र् + ई + न् + आ + थ् + अ
21. इन्द्रासन = इ + न् + द् + र् + आ + स् + अ + न् + अ
22. अमृतसर = अ + म् + ऋ + त् + स् + र् + अ
23. सुनयना = स् + उ + न् + अ + य् + अ + न् + आ
24. अग्निवींर = अ + ग् + न् + इ + व् + ई + र् + अ
25. निर्माण = न + इ + र् + म् +आ + ण् + अ
26. जगदम्बा = ज् + अ + ग् + अ + द् + अ + म् + ब् + आ
27. आस्था = आ + स् + थ् + आ
28. मधुवन = म् + अ + ध् + उ + व् + अ + न् + अ
29. संदेश = स् + अ + न् + द् + ए + श् + अ
30. राजेन्द्र = र् + आ + ज्+ ए + न् + द् + र् + अ
1. वर्ण किसे कहते हैं ?
उत्तर : भाषा की सबसे छोटी लिखित इकाई को वर्ण कहते हैं।
2. Varn Vichchhed किसे कहते हैं?
उत्तर : “किसी शब्द के वर्णों और मात्राओं को अलग-अलग करके लिखने की प्रक्रिया को वर्ण विच्छेद कहते हैं।”
3. हिन्दी भाषा में कितने वर्ण होते हैं?
उत्तर : हिन्दी भाषा में 52 वर्ण होते हैं।
4. राजर्षि का वर्ण विच्छेद क्या होगा?
उत्तर : राजर्षि = र् + आ + ज् + अ + ऋ + ष् + इ
5. खाटूश्याम का varn Vichchhed कीजिए।
उत्तर : ख् + आ + ट + ऊ + श् + य + आ + म् + अ
6. गोवर्धन का varn Vichchhed क्या होगा?
उत्तर : ग् + ओ + व् + र् + ध् + अ + न् + अ
7. भर्तृहरि का varn Vichchhed कीजिए।
उत्तर : भ् + अ + र् + त् + ऋ + ह् + अ + र् + इ
8. श्रीराम का वर्ण विच्छेद क्या होगा?
उत्तर : श् + र् + ई + र् + आ + म् + अ
9. स्नातक का वर्ण विच्छेद करो।
उत्तर :- स् + न् + आ +
त् + अ + क् + अ
10. राजस्थान का varn Vichchhed Kise Kahate Hain.
उत्तर : र् + आ + ज् + अ + स् + थ् + आ + न् + अ
11. द्वित्व व्यंजन का वर्ण विच्छेद कैसे करें?
उत्तर : द्वित्व व्यंजन उन्हें कहते हैं जिन शब्दों में दो समान व्यंजन बिना स्वर के एक साथ प्रयुक्त होते हैं। इनको अलग करने के लिए पूर्ण रूप में हलन्त के साथ लिखा जाता है।
जैसे : खट्टा = ख् + ट् + ट् + आ
बच्चे = ब् + च् + च् + ए
पक्का = प् + अ + क् + क् + आ
कच्चा = क् + अ + च् + च् + आ
हिन्दी व्याकरण – सहज सीखिए – Class 6 to 12
Varn Vichar in Hindi/ उत्क्षिप्त वर्ण क्या होता है -1
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