इस लेख में मनोविज्ञान का परिचय ( Manovigyan ka parichay) के बारे में जानकारी दी गई है। मनोविज्ञान का परिचय/ Best psychology facts, सरल भाषा में तैयार किये जा रहे हैं। जो आपकी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे REET 2025, REET Pre and mains, Teacher Second Grade, CTET एवं अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षा में सहायक सामग्री के रूप में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
स्किनर के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका संबंध अध्यापन और अधिगम से है।”
मनोविज्ञान को psychology शब्द सर्वप्रथम ग्रीक मनोवैज्ञानिक रुडोल्फ गोइकल ने दिया था। इन्होंने 1590 में साइकोलॉजिया नामक पुस्तक लिखी।
शिक्षा का शाब्दिक अर्थ होता है – सीखना। यह अंग्रेजी के एजुकेशन ( Education) शब्द से बना है। Education शब्द लैटिन भाषा के शब्द (educatum) शब्द का विकसित रूप है।
एजुकेटम शब्द की भी यदि हम व्याख्या करें तो यह E तथा duco से मिलकर बना है। इसमें E का अर्थ होता है – अन्दर से। और Duco का अर्थ होता है – आगे बढ़ना। अर्थात इसका सम्मिलित रूप हुआ – अंदर से आगे की ओर बढ़ना।
अतः शिक्षा का अर्थ होता है व्यक्ति के मन के भाव या विचारों को अंदर से बाहर निकलना। अर्थात अपने मन के विचारों को दूसरे के सामने व्यक्त करना।
Education के लिए लैटिन भाषा के Educare ( ऐजुकेयर) और Educere (एजुशियर) शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ भी आगे बढ़ाना, विकसित करना, सीखना होता है।
Manovigyan ka arth kya hota hai.
मनोविज्ञान के बारे में विद्वानों का मत है कि इसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर हुई है – Psyche + Logos.
साइकी (psyche) का शाब्दिक अर्थ होता है – आत्मा। और लोगस ( Logos) का शाब्दिक अर्थ होता है – अध्ययन करना।
अतः दोनों शब्दों को मिलाकर Psychology अर्थ होता है – आत्मा का अध्ययन करना।
ऐसा माना जाता है की मनोविज्ञान का आरंभ दार्शनिक अरस्तु के काल में दर्शनशास्त्र की एक शाखा के रूप में हुआ। अनेक विद्वानों ने धीरे-धीरे इसको विकसित करते हुए अनेक नाम दिए जिनको हम निम्न प्रकार से समझ सकते हैं।
Psychology in Hindi
इस समय में प्लेटो, अरस्तु और डेकार्टे इत्यादि यूनानी दार्शनिकों ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना। मनोविज्ञान की इस परिभाषा को 16वीं शताब्दी में दिया गया और उस समय तक विद्वानों की यही मान्यता रही। धीरे-धीरे अनेक विद्वानों ने आगे चलकर मनोविज्ञान की इस परिभाषा या मत को अस्वीकार कर दिया।
17 वीं शताब्दी में विद्वानों ने psychology को मन या मस्तिष्क का नाम देकर स्वीकार किया।
इटली के मनोवैज्ञानिक पोम्पोनोजी द्वारा इसे मस्तिष्क का अध्ययन करने वाला विज्ञान कहा गया।
इस मत के समर्थक विद्वान – पोम्पोनोजी (इटली), थामस रीड और जाॅन लाॅक रहे।
भविष्य में चलकर इस मत को मानने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा। विद्वानों का मानना था कि मस्तिष्क का स्वरूप मनोविज्ञान को उचित रूप से परिभाषित नहीं करता।
मन या मस्तिष्क के विज्ञान को अस्वीकार करके 19वीं शताब्दी में विद्वानों ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना।
इसमें कहा गया की मनोविज्ञान व्यक्ति की चेतना का अध्ययन करता है अर्थात चेतन शक्ति के द्वारा मनुष्य अपने विचारों की अभिव्यक्ति करता है।
विलियम वुण्ट , विलियम जेम्स, वाइव्स (vives), जेम्स सली, bटिचनर इसके समर्थक रहे थे।
विलियम वुण्ट और विलियम जेम्स ने सन 1879 में लिपजिंग नामक शहर में मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला स्थापित की थी।
इस प्रयोगशाला में चेतना का अध्ययन करने के लिए आत्मनिरीक्षण विधि का प्रयोग किया गया।
आगे चलकर मैक्डूगल अपनी पुस्तक outline psychology में चेतन शब्द की आलोचना की थी।
फ्रायड ने चेतना को तीन भागों में बांटा था – चेतन मन, अचेतन मन और अर्थ चेतन मन। इन्होंने चेतन मन को केवल 10% ही माना। इस प्रकार यह मान्यता अस्वीकार की गई।
ऊपर उल्लेख किए गए तीनों मत आत्मा का विज्ञान, मन का विज्ञान और चेतना का विज्ञान को अस्वीकार करने के बाद 20वीं शताब्दी में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा गया।
वुडवर्थ के अनुसार –
“मनोविज्ञान, वातावरण के संबंध में व्यक्ति की क्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है।”
दार्शनिक वाटसन को व्यवहारवाद का पिता कहा जाता है।
वाटसन का कथन इस प्रकार है –
“मनोविज्ञान व्यवहार का निश्चित विज्ञान है।”
इसके प्रमुख समर्थक विद्वान – स्किनर, विलियम मैक्डूगल, वुडवर्थ, वाटसन, पिल्सबरी आदि हैं।
विलियम मैक्डूगल के अनुसार –
“मनोविज्ञान एक विज्ञान है। जिसका उद्देश्य सभी प्रकार से किसी प्राणी के व्यवहार का नियमन करने और उसे अच्छी तरह समझने में सहायता प्रदान करना है।”
वर्तमान में मनोविज्ञान व्यवहार का अध्ययन करने के साथ-साथ मनुष्य की आंतरिक अनुभूतियों का भी अध्ययन करता है।
Psychology in Hindi
क्रो एंड क्रो के अनुसार –
1. “मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव संबंधों का अध्ययन है।”
2. शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है।”
वुडवर्थ के अनुसार –
1. “मनोविज्ञान वातावरण के संबंध में व्यक्तियों की क्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है।”
2. “सबसे पहले मनोविज्ञान ने आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतन का त्याग किया अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।”
स्टीफन के अनुसार –
“शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन है।”
मैक्डूगल के अनुसार –
“मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।”
स्टीफन के अनुसार –
“शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन है।”
वाटसन के अनुसार –
“मनोविज्ञान व्यवहार का धनात्मक विज्ञान है।”
काॅलसनिक के अनुसार –
“शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान के सिद्धांतों व परिणाम का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग है।”
1. 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान को क्या माना गया था?
उत्तर : आत्मा का विज्ञान
2. हर्बर्ट स्पेंसर के अनुसार शिक्षा की परिभाषा लिखिए।
उत्तर :- “अच्छे नैतिक चरित्र का विकास ही शिक्षा है।”
3. गांधी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा लिखिए?
उत्तर : “बालक और मनुष्य के शरीर, मन और आत्मा में निहित सर्वोत्तम शक्तियों के सर्वांगीण प्रकृति कारण को ही शिक्षा कहते हैं।”
4. जैन दर्शन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा क्या है?
उत्तर :- “शिक्षा वह है जो मोक्ष की प्राप्ति कराए।”
5. अरस्तु के अनुसार शिक्षा की परिभाषा क्या है?
उत्तर :- “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण ही शिक्षा है।”
6. नन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा दीजिए।
उत्तर : “शिक्षा व्यक्ति की व्यक्तिकता का ऐसा पूर्ण विकास है जिसके द्वारा वह अपनी पूर्ण योग्यता के अनुसार मानव जीवन को मौलिक योगदान कर सके।”
7. सोरेनसन के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर : “शिक्षा मनोविज्ञान वह क्षेत्र है जो मनोविज्ञान का व्यवहार शैक्षिक प्रक्रियाओं तथा विद्यालयी विषयों के अध्यापन में करता है।”
8. पील महोदय के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर : “शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा का विज्ञान है जो शिक्षक को अपने शिष्यों के विकास, उनकी क्षमताओं के विस्तार एवं सीमाओं, उनके सीखने की प्रक्रियाओं तथा उनके सामाजिक संबंधों को समझने में सहायता करता है।”
9. मनोविज्ञान की उत्पत्ति किस शास्त्र से हुई है?
उत्तर : मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र से मानी जाती है।
10. मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान कब कहा गया?
उत्तर : चेतना का विज्ञान 19वीं शताब्दी के अंत में कहा गया।
Psychology questions and answers
11. आधुनिक समय में मनोविज्ञान को किसका विज्ञान माना जाता है?
उत्तर: आधुनिक समय में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना जाता है।
12. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र किसको माना जाता है?
उत्तर : बालक को शिक्षा मनोविज्ञान केंद्र माना जाता है।
13. शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन शिक्षण को क्यों करना चाहिए?
उत्तर : शिक्षक को अधिक प्रभावी बनाने के लिए।
14. निम्नलिखित में से कौनसा कथन शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ को सबसे अधिक सही ढंग से प्रकट करता है।
अ) यह व्यक्तियों के अनुभवों का विज्ञान है।
ब) यह शिक्षा को मनोवैज्ञानिक आधार प्रदान करता है।
स) इसका संबंध केवल व्यक्ति की सामाजिक प्रक्रियाओं से है।
द) यह व्यक्ति के मस्तिष्क के अध्ययन का विज्ञान है।
उत्तर : (ब) यह शिक्षा को मनोवैज्ञानिक आधार प्रदान करता है।
15. किसी मनोवैज्ञानिक ने कहा था कि “मुझे एक बच्चा दो और बताओ उसे क्या बनाना है इंजीनियर, डॉक्टर या कोई और ।” उस मनोवैज्ञानिक का नाम बताइए।
उत्तर : वाटसन
16. “किसी व्यक्तिके जन्म से लेकर उसकी वृद्धावस्था तक के अधिगम अनुभवों का वर्णन एवं करना ही शिक्षा मनोविज्ञान है।” यह किस मनोवैज्ञानिक का कथन है।
उत्तर : क्रो एंड क्रो का कथन है।
17. शिक्षा मनोविज्ञान की दिन क्या है?
उत्तर : बाल केंद्रित शिक्षा ही शिक्षा मनोविज्ञान की देन है।
18. एक अध्यापक सफल एवं प्रभावी शिक्षक तभी बन सकता है जब वह यह जान लेता है कि –
उत्तर : बच्चे किस प्रकार सीखते हैं।
19. इस प्रकार के खेल जिनमें बालक स्वयं कुछ बनता है इस क्रिया को क्या कहेंगे?
उत्तर : रचनात्मक क्रिया या रचनात्मक खेल
20. “शिक्षा मनविज्ञान अध्यापकों की तैयारी की आधार शिला है”, यह कथन किसकाहै?
उत्तर : स्किनर का।
21. संज्ञानवादी पद्धति के निर्माता कौन हैं?
उत्तर : जीन पियाजे और ब्रूनो।
22. मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का सिद्धांत मानने वाले कौन-कौन से विद्वान समर्थक हैं?
उत्तर : इस मत के समर्थक विद्वान – पोम्पोनोजी (इटली), थामस रीड और जाॅन लाॅक रहे।
23. मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान मानने वाले समर्थक कौन-कौन सेहैं?
उत्तर : इसके प्रमुख समर्थक विद्वान – स्किनर, विलियम मैक्डूगल, वुडवर्थ, वाटसन, पिल्सबरी आदि हैं।
24. मनोविज्ञान को शुद्ध विज्ञान किसने माना है?
उत्तर : जेम्स ड्रेवर ने माना है।
25. मनोविज्ञान के उपयोग की कठिनाई क्या है?
उत्तर: मनोविज्ञान परीक्षण मूल्य की दृष्टि से इतने महंगे होते हैं कि सभी पाठशालाओं में उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है।
26. “जीवन की संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के प्रति मानव तथा पशु की संपूर्ण प्रतिक्रिया ही व्यवहार है।” उपरोक्त कथन किसका है।
उत्तर : जेम्स ड्रेवर
27. शिक्षा मनोविज्ञान में कौन से बालकों का अध्ययन किया जाता है?
उत्तर : मंदबुद्धि बालक, पिछड़े हुए बालक, समस्यात्मक बालक आदि का अध्ययन किया जाता है।
मैं आशा करता हूं कि आपको मनोविज्ञान का परिचय लेख पसंद आया होगा। यह पोस्ट सभी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में महत्वपूर्ण है। आप मनोविज्ञान के सभी चैप्टर को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें और पोस्ट को मित्रों को शेयर करना न भूलें। यदि आपका कोई सवाल हो तो comment अवश्य करें। हम जल्द समाधान करने का प्रयास करेंगे।
धन्यवाद।
Hindi Gyan Sansar एक शैक्षणिक वेबसाइट है। यहां हम हिन्दी के लिए विस्तृत व्याकरण के संसाधन प्रदान करते हैं, साथ ही मनोविज्ञान (Psychology) के Notes व Questions-answers प्रदान करते हैं। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को स्पष्ट, रोचक ज्ञान प्रदान करना एवं उनकी समझ विकसित करना है।
Call Us on : 9461913326
Email : hindigyansansar24@gmail.com
© Hindi Gyan Sansar. All Rights Reserved. Website Developed By Media Tech Temple