हिन्दी व्याकरण ( samanya hindi vyakaran) , में आकाश के तारे तोड़ना ( Aakash Ke Tare Todna) एक बहुचर्चित मुहावरा है। इस मुहावरे का प्रयोग उस समय किया जाता है जब कोई नामुमकिन कार्य को किसी व्यक्ति द्वारा मुमकिन करके दिखाया जाता है। अर्थात बहुत असम्भव कार्य को सम्भव बनाया जाता है। आइए इस मुहावरे का विस्तृत अध्ययन करते हैं।
आकाश के तारे तोड़ना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
अर्थ/ मतलब
आसमान के तारे तोड़ना या आकाश के तारे तोड़ना एक ही मुहावरा है। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करके दिखाया जाता है, जिसको करना बहुत मुश्किल हो , असम्भव हो, नामुमकिन हो।
इस दुनिया में बहुत सारे कार्य ऐसे हैं जिन्हें हर कोई पूरा नहीं कर सकता है। ऐसे कार्य को करने के लिए कोई बिरला ही बीड़ा उठाया है और उसे मंजिल तक पहुंचा कर ही दम लेता है।
इस दुनिया में विभिन्न वैज्ञानिकों ने ऐसे कार्यों को कर दिखाया जिनके बारे में आम आदमी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। आज वे सभी काम सामान्य से मालूम होते हैं। लेकिन इस संसार में उन कामों के पूर्ण होने से पहले बहुत ही कठिन और नामुमकिन माना जाता था। आइए इस मुहावरे के विभिन्न वाक्य प्रयोग समझते हैं।
वंश के परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी नहीं लग पाया। वंश ने सरकारी नौकरी प्राप्त करके आसमान के तारे तोडने जैसा कार्य किया।
श्रवण कुमार ने अपने अंधे माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा का काम किया। श्रवण कुमार ने आखिरकार आकाश के तारे तोड दिखाये, श्रवण कुमार ने ऐसा कार्य किया जिसका वर्तमान में कोई तोड़ नहीं है।
19वीं सदी से पहले लोग पेट्रोलियम पदार्थों को जलाकर रात्रि को प्रकाश करते थे। उस समय अधिकतर केरोसिन का उपयोग दिए जलाकर उजाला करने में किया जाता था। लोग रात के समय मिट्टी के तेल के बड़े बड़े दिये (दीपक) बनाते और उन्हें जलाकर उजाला किया जाता था।
इससे और प्राचीन काल में जायेंगे तो उस समय लोग लकड़ी की मिशाल जलाकर घरों में उजाला का प्रबंध किया जाता था।
धीरे-धीरे समय बीतता गया और सन 1879 में थामस एडीसन ने बल्ब का आविष्कार कर दिखाया। इस आविष्कार को करने में वे हजारों बार असफल रहे। सन 1879 में उसने आकाश के तारे तोड दिखाये अर्थात बल्ब का सफलता पूर्वक आविष्कार हो गया।
मोबाइल से पहले गांव या शहर में लैंडलाइन टेलीफोन से सूचना एक स्थान से दूसरे स्थान पर सूचना भेजी जाती थी। मोबाइल के आविष्कार से पहले किसी व्यक्ति ने कभी ऐसा नहीं सोचा भी होगा कि बिना तार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर सूचना भेजी जा सकती है और बातचीत हो सकती है।
मोबाइल का पहली बार आविष्कार सन 1973 में मार्टिन कूपर अमेरिकी वैज्ञानिक ने किया था। उस समय लोग विश्वास नहीं कर रहे कि ऐसा भी कोई उपकरण होगा जिसके द्वारा बिना तार बातचीत कर सके। पहली बार मोटोरोला कम्पनी ने मोबाइल बनाया। इसके बाद विभिन्न कम्पनियों ने मोबाइल निर्माण का काम किया।
आसमान के तारे तोड़ना मुहावरे का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। इस दुनिया में जब कोई यूनिक काम किया जाता है, जो कभी पहले घटित नहीं हुआ हो। उस यूनिक कार्य को किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा किया जाता है तो वह इतिहास के पन्नों पर प्रथम स्थान प्राप्त करता है।
हम आशा और उम्मीद करते हैं कि “आकाश के तारे तोड़ना” मुहावरा आपके जेहन में भली-भांति बैंठ गाया होगा। इसी तरह के पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहिए।
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