इस लेख में हम बाल मनोविज्ञान में सीखेंगे कि अधिगम क्या है, अधिगम की विभिन्न परिभाषाएं, अधिगम की विशेषताएं, अधिगम के प्रकार (types of Learning) आदि के Best notes./ जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण सहायक सामग्री का काम करेंगे।
अधिगम (सीखना) क्या है?
अधिगम एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अधिगम के द्वारा बालक जन्म से सीखता हुआ परिपक्वता की ओर बढ़ता है। और सीखे हुए अनुभवों के माध्यम से अधिगम का लाभ उठाता है। इस प्रकार अधिगम एक जीवन पर्यंत चलने वाली सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
अधिगम को उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं :-
एक छोटा बच्चा होता है जो जलती हुई मोमबत्ती को देखकर के उत्सुक होता है और वह उत्सुकतावश अपना हाथों को पकड़ने के लिए बढ़ाता है। मोमबत्ती को हाथ से स्पर्श करता है तो उसका हाथ जलने लगता है और हाथ जलने पर वह तुरंत अपना हाथ हटा लेता है। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि बालक ने प्रतिक्रिया की और प्रतिक्रिया से प्राप्त फल यानी जलना से उसने सीख लिया की जलती भी मोमबत्ती से हाथ जल सकता है इसलिए वह उसको दोबारा छूने का प्रयास नहीं करेगा। इस प्रकार यह अधिगम हुआ।
1. अभिप्रेरणा (अभिप्रेरित व्यक्ति)
2. बाधाएं
3. बहु-अनुक्रियाएं करना
4. सही अनुक्रिया करना
5. लक्ष्य की प्राप्ति
बालक सबसे पहले किसी चीज से प्रेरित होकर कार्य करने को तैयार होता है। कार्य करते समय उसको विभिन्न बाधाएं आती हैं। प्रेरित होने के बाद हुआ है उसे क्रिया को विभिन्न तरीकों से करता है। इसके बाद सही प्रक्रिया होने पर उसे पुनर्बलन मिलता है। पुनर्बलन के बाद वह इस क्रिया को बार-बार करता है। इस प्रकार अंत में वह क्रिया का निरंतर अभ्यास करता है।
क्रो एंड क्रो के अनुसार
“अधिगम, आदतों, ज्ञान एवं अभिवृत्तियों का अर्जन है।”
गेट्स के अनुसार
“अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में संशाेधन ही अधिगम है।”
स्किनर के अनुसार
“व्यवहार में उत्तरोत्तर अनुकूलन की प्रक्रिया ही अधिगम है।”
वुडवर्थ के अनुसार
“नवीन ज्ञान एवं अनुक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया, अधिगम की प्रक्रिया कहलाती है।”
पावलाव के अनुसार
“अनुकूलित अनुक्रिया के परिणामस्वरुप आदत का निर्माण हीअधिगम है।”
गिल्फोर्ड के अनुसार
“व्यवहार के कारण व्यवहार में परिवर्तन अधिगम है।”
पील महोदय के अनुसार
“अधिगम व्यक्ति में एक परिवर्तन है जो उसके वातावरण के परिवर्तनों के अनुसरण में होता है।”
अधिगम क्या है?
(Characteristics of learning)
1. सीखना जीवन पर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है।
2. अधिगम एक मानसिक प्रक्रिया है।
3. सीखना व्यवहार में परिवर्तन है।
4. अधिगम में विवेकपूर्ण प्रक्रिया है।
5. सीखना एक सार्वभौमिक में प्रक्रिया है।
6. अधिगम का क्षेत्र विस्तृत है।
7. अधिगम में समय लगता है।
8. सीखना और अनुभवों का संगठन है।
9. अधिगम जीवन पर्यंत चलता रहता है।
10. सीखना उद्देश्यपूर्ण एवं लक्ष्य निर्देशित होता है।
11. अधिगम एवं विकास एक दूसरे के पर्याय नहीं है।
12. अधिगम के द्वारा बालक में उचित वृद्धि एवं विकास में सहायता पहुंचती है।
13. अधिगम के द्वारा व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन लाये जा सकते हैं।
14. अधिगम एक व्यापक प्रक्रिया है।
15. सीखना वातावरण एवं क्रियाशीलता के उपज है।
16. सीखने का संबंध अनुभवों के नवीन व्यवस्था से होता है।
17. अधिगम के द्वारा अपेक्षाकृत स्थाई परिवर्तन होते हैं।
18. अधिगम के द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता मिलती है।
इस प्रकार अधिगम की विशेषताएं होती है।
Types of Learning
अधिगम के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं
सीखने की वह प्रक्रिया जिसमें बौद्धिक विकास एवं ज्ञान अर्जित करने के समस्त परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है उसे ज्ञानात्मक या संज्ञानात्मक अधिगम कहते हैं। ऐसा अधिगम में केवल तथ्यों की जानकारी होती है।
संज्ञानमूलक अधिगम में स्वयं पठन महत्वपूर्ण होता है।
अधिगम क्या है?
संज्ञानात्मक अधिगम में निम्न क्रियाएं होती हैं।
(क) प्रत्यक्ष रूप से सीखना : जब किसी वस्तु को देखकर, सुनकर या स्पर्श करके इसका ज्ञान प्राप्त किया जाता है तो उसे प्रत्यक्षात्मक सीखना कहते हैं। बालक शिशुकाल और बाल्यावस्था में प्रत्यक्ष रूप से सीखना है।
(ख) प्रत्यागमन अधिगम : जब बालक तर्क, चिंतन और कल्पना के आधार पर किसी बात को सीखने लगता है, उसे प्रत्यात्मक अधिगम कहते हैं। इसमें बालक विभिन्न प्रकार के अमूर्त बातें सीख लेता है।
(ग) साहचर्यात्मक अधिगम : जब बालक अपने पूर्व अनुभवों के आधार पर किसी तत्व को सीखना है तो उसे सहाचर्यात्मक अधिगम कहते हैं।
किस प्रकार के अधिगम में बालक किसी कला में निपुणता प्राप्त करता है। जैसे : संगीत, नृत्य, मॉडल बनाना, ड्राइंग बनाना, मूर्ति बनाना, कारीगरी करना, हस्तशिल्प आदि आते हैं।
क्रियात्मक अधिगम में अभ्यास का महत्वपूर्ण योगदान होता है।बालक जितना अधिक अभ्यास करेगा, उतना जल्दी अपने कार्य में निपुण होगा। जैसे :
वीणा बजाना सीखना, हारमोनियम बजाना सीखना, साइकिल चलाना सीखना, मोटरसाइकिल चलाना सीखना आदि।
भावात्मक अधिगम का संबंध बालक की भावनाओं से होता है। इसका उद्देश्य बालक के द्वारा किसी वस्तु को देखकर, किसी आवाज को सुनकर या किसी चीज को स्पर्श करके उसका आनंद प्राप्त कर सके और उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सके उसे भावात्मक अनुभव कहते हैं। इसमें बालक की रुचि का होना आवश्यक होता है।
1. संकेत अधिगम
2. उद्दीपक अनुक्रिया अधिगम
3. श्रृंखला अधिगम
4. शाब्दिक साहचार्य अधिगम
5. विभेदात्मक अधिगम
6. संप्रत्य अधिगम
7. सिद्धांत अधिगम
8. समस्या समाधान अधिगम
अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
1. बुद्धि (intelligence)
प्रतिभाशाली बालक किसी सीखे हुए ज्ञान को लंबे समय तक याद रख सकता है।
2. उम्र और स्वास्थ्य (Age and Health)
बालक में उम्र बढ़ाने के साथ-साथ सीखने की क्षमता में वृद्धि होती रहती है।
3. अभिक्षमता ( Aptitude)
अभिक्षमता हर बालक में जन्मजात होती है। प्रति व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार की क्षमताएं होती हैं जैसे यांत्रिक ,संगीतात्मकता, कलात्मक , दार्शनिक, वैज्ञानिक,मूर्तिकार आदि।
4. तत्परता (Readiness)
यदि हम किसी कार्य को सीखने के लिए तैयार हैं तो हम उसे बहुत जल्दी सीख जाते हैं। थार्नडाइक ने बताया है कि घोड़े को तालाब पर ले जाया जा सकता है लेकिन उसे जबरदस्ती पानी नहीं पिला जा सकता।
5. परिणाम का ज्ञान
जब हमको किसी कार्य के करने के बाद उसके परिणाम का पहले से ज्ञान हो तो हम उसे कार्य को अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
6. सीखने की विधि
सीखने के अनेक विधियां प्रचलित हैं लेकिन व्यवहारिक रूप में विद्यार्थी रटने के स्थान पर समझ कर अच्छा और जल्दी सीखता है।
7. अभिवृति (Attitude)
सक्रिय अभिवृद्धि से बालक जल्दी सीखता है और निष्क्रिय तथा अरूचि से बालक बहुत धीमी गति से सीखता है।
8. अध्यापक का अपने विषय पर अधिकार:
अध्यापक को अपने विषय पर एकाधिकार हो तो वह बालक को सही ढंग से शिक्षा दे सकता है और बालक उसे भली भांति सीख सकता है।
अधिगम स्थानांतरण किसे कहते हैं?
“किसी व्यक्ति द्वारा एक विषय का सीखना दूसरे विषय कोसीखने में सहायक होता है, कभी बाधक भी होता है, इस क्रिया को अधिगम स्थानांतरण कहते हैं। ”
सोरेनसन के अनुसार
“अधिगम स्थानांतरण के द्वारा व्यक्ति उस सीमा तक सीखता है ,जब तक एक परिस्थिति से प्राप्त योग्यताएं दूसरी में सहायक होती हैं।”
अधिगम स्थानांतरण के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं।
जब व्यक्ति द्वारा पूर्व में अर्जित ज्ञान, नवीन ज्ञान को अर्जित करने में सहायक होता है उसे धनात्मक स्थानांतरण कहते हैं। जैसे –
जोड़ बाकी के सीख लेने पर बालक बाजार में सामान खरीदने और पैसों के लेनदेन को आसानी से कर सकता है।
साइकिल चलाने वाला व्यक्ति मोटरसाइकिल चलाना सीख जाता है।
जब पूर्व में अर्जित ज्ञान, नवीन ज्ञान को सीखने में बाधक होता है, तो उसे ऋणात्मक स्थानांतरण कहते हैं। जैसे –
टाइप मशीन पर उंगली चलाने का अभ्यास लैपटॉप पर टाइप करने में बाधा उत्पन्न करता है।
जब किसी कार्य को करने के लिए पूर्व अर्जित ज्ञान ना तो सहायक होता है और ना ही बाधक होता है अर्थात उसका नवीन कार्यों में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है उसे शून्य स्थानां
तरण कहते हैं।
जैसे – हिंदी भाषा का सीखना भूगोल को सिखाने में कोई सहायक और बाधक नहीं होता है।
Q.1. अधिगम (सीखना) क्या है?
उत्तर :- अधिगम एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अधिगम के द्वारा बालक जन्म से सीखता हुआ परिपक्वता की ओर बढ़ता है। और सीखे हुए अनुभवों के माध्यम से अधिगम का लाभ उठाता है। इस प्रकार अधिगम एक जीवन पर्यंत चलने वाली सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
Q. 2. अधिगम के कितने सोपान होते हैं?
उत्तर :- अधिगम के मुख्य रूप से पांच सोपान होते हैं।
1. अभिप्रेरणा (अभिप्रेरित व्यक्ति)
2. बाधाएं
3. बहु-अनुक्रियाएं करना
4. सही अनुक्रिया करना
5. लक्ष्य की प्राप्ति
Q. 3. गेने के अनुसार अधिगम के कितने प्रकार हैं?
उत्तर :- रोबर्ट गेने के अनुसार अधिगम के प्रकार –
1. संकेत अधिगम
2. उद्दीपक अनुक्रिया अधिगम
3. श्रृंखला अधिगम
4. शाब्दिक साहचार्य अधिगम
5. विभेदात्मक अधिगम
6. संप्रत्य अधिगम
7. सिद्धांत अधिगम
8. समस्या समाधान अधिगम
Q. 4. पील महोदय के अनुसार अधिगम की परिभाषा दीजिए?
उत्तर : – पील महोदय के अनुसार
“अधिगम व्यक्ति में एक परिवर्तन है जो उसके वातावरण के परिवर्तनों के अनुसरण में होता है।”
Q.5. अधिगम की 10 विशेषताएं बताइए?
उत्तर :- अधिगम की विशेषताएं
1. सीखना जीवन पर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है।
2. अधिगम एक मानसिक प्रक्रिया है।
3. सीखना व्यवहार में परिवर्तन है।
4. अधिगम में विवेकपूर्ण प्रक्रिया है।
5. सीखना एक सार्वभौमिक में प्रक्रिया है।
6. अधिगम का क्षेत्र विस्तृत है।
7. अधिगम में समय लगता है।
8. सीखना और अनुभवों का संगठन है।
9. अधिगम जीवन पर्यंत चलता रहता है।
10. सीखना उद्देश्यपूर्ण एवं लक्ष्य निर्देशित होता है।
Q. 6. क्रो एंड क्रो ने अधिगम की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर :- क्रो एंड क्रो के अनुसार
“अधिगम, आदतों, ज्ञान एवं अभिवृत्तियों का अर्जन है।”
Top Education psychology Notes by Kanhaiya Singh/ REET 2025, Teacher first grade, Second Grade,
हिन्दी व्याकरण – ALL EXAM// Best Hindi Grammar// Class 6 to 12/ by Kanhaiya Singh
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